– 18 दिन में 300 पार हुआ एक्यूआई, प्रदेश का छठवां प्रदूषित शहर।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। दीपावली से पहले ही मेरठ महानगर की हवा जहरीली हो गई है। महज 18 दिन में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 80 से बढ़कर 300 के पार पहुंच गया है, जो अत्यधिक गंभीर श्रेणी में आता है। टूटी सड़कों से उड़ती धूल, जगह-जगह कूड़े के ढेर और नगर निगम द्वारा पानी का छिड़काव न होना प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह बताई जा रही है। लेकिन शहर के जाम की तरफ किसी का ध्यान नहीं है, जो सबसे ज्यादा प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है।
प्रदुषण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शास्त्रीनगर व जयभीमनगर में एक्यूआई 306, पल्लवपुरम फेज-2 में 271 और गंगानगर में 236 दर्ज किया गया। शनिवार को इन सभी इलाकों में 20 से ज्यादा अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली पर पटाखे जले तो एक्यूआई 350 से भी ज्यादा जा सकता है, जिससे सांस लेना और मुश्किल हो जाएगा।
एक अक्तूबर 2025 को मेरठ का एक्यूआई केवल 80 था। लेकिन 18 दिन में लगातार धूल और धुआं बढ़ने से यह 300 पार कर गया। शहर में तीन मॉनिटरिंग सेंटर ही बने हैं, जबकि आबादी 25 लाख से ज्यादा है। ऐसे में वास्तविक स्थिति और भी खराब हो सकती है।
निर्माण कार्यों पर रोक की संभावना
प्रदूषण जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, जिला प्रशासन और नगर निगम पर तुरंत एक्शन लेने का दबाव है। यदि हालात नहीं सुधरे तो शहर में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगानी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम आर्थिक गतिविधियों और विकास योजनाओं को प्रभावित करेगा, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य को बचाना प्राथमिकता होनी चाहिए। जबकि दूसरे पहलुओं पर प्रशासन का ध्यान नहीं है। शहर में किसी मार्ग से प्रवेश करते ही जाम शुरू हो जाता है। शहर के भीतर के हालात भी किसी से छिपे नहीं है। ऐसे में जाम ही सबसे ज्यादा प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है।
बजट 70 करोड़, खर्च सिर्फ 27.54 करोड़
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए नगर निगम ने 2023-24 में 68.18 करोड़, 2024-25 और 2025-26 में 70-70 करोड़ का बजट रखा। लेकिन 2024-25 में अब तक केवल 27.54 करोड़ ही खर्च किए गए। एनजीटी की चेतावनी और सरकार के निदेर्शों के बावजूद निगम की सुस्ती से हालात बिगड़ रहे हैं।
मेरठ के इलाकों का एक्यूआई
जयभीमनगर- 312 (सबसे प्रदूषित)
बेगमपुल- 275
दिल्ली रोड- 281
पल्लवपुरम- 267
गंगानगर- 240