शारदा रिपोर्टर मेरठ। प्रयागेवर महादेव मन्दिर मोती प्रयाग कालोनी गढ़ रोड़ में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस कथा प्रसंग में कथा व्यास परम श्रद्धेय आचार्य प्रदीप सेमवाल ने भगवान श्री विष्णु के चौबीस अवतारी का वर्णन करते हुए कहा भगवान के अवतारों में प्राकृतिक तत्वों जैसे कि जन्तु (मत्स्य अवतार) पृथ्वी (वराह अवतार) वायु (हनुमान अवतार) का प्रतिनिधित्व देखा जा सकता है। जो वैज्ञानिक कप से प्राकृतिक तत्वों के महत्व को दशार्ता है।
जीवन-चक्र की प्रक्रिया जन्म, वृद्धि, परिवर्तन और सत्यु जो वैज्ञानिक रूप से जीवन चक्र को दशार्ता है। उत्तरा के गर्भ की रक्षा के कथा प्रसंग में भक्त और भगवान पर विश्वास और प्रद्धा रखते हैं। और भगवान की कृपा और मार्गदर्शन की अपेक्षा करते है। भक्त भगवान के प्रति प्रेम और करुणा रखते है। और दूसरों के प्रति भी प्रेम और ककणा का व्यवहार करते हैं। भगवान को करुणामय और दयालु माना जाता है। जो भक्तों की की पुकार पुकार सुनते हैंौं और उनकी रक्षा करते हैं। भक्त और भगवान की चर्चा आध्यात्मिक अनुभवों को बढ़ावा देती है।
आत्म ज्ञान, आत्म शन्ति और आत्म विकाश होता है। भक्त और भगवान के बीच के गहरे और पवित्र सम्बन्ध को दशार्ती है। मुख्य राजमान डाक्टर अतुल गौड़ नीती गौड़, अनिल गोयल और डाक्टर अनिल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।


