पटना। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत के चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। बिहार चुनाव से पहले विपक्ष ने पूरी तरह से सरकार और चुनाव आयोग को वोटों की हेराफेरी के मामले में कटघरे में खड़ा कर रखा है। कांग्रेस सहित इंडिया ब्लॉक की पार्टियां सरकार और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगा रही है लेकिन अभी तक किसी भी आरोप को सिद्ध नहीं कर पायी हैं। अब ताजा हमला अखिलेश यादव ने चुनाव अयोग पर लगाया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा है कि जब वह एआई से घपला पकड़ सकता है, तो सपा के 17,986 हलफनामों का जवाब क्यों नहीं दे रहा है। ये हलफनामे कथित तौर पर मतदाता सूची में हेराफेरी और वोट डकैती से संबंधित हैं, जिस पर आयोग की चुप्पी राजनीतिक गलियारों में बहस का विषय बनी हुई है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को जुगाड़ आयोग करार देते हुए सवाल उठाया कि वह सपा के 17 हजार से अधिक शपथ पत्रों का जवाब क्यों नहीं दे रहा है। सपा प्रमुख यादव ने तंज कसते हुए अपने आधिकारिक एक्स खाते पर एक पोस्ट में कहा जब जुगाड़ आयोग एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से सवा करोड़ रुपये का अपना घपला पकड़ सकता है तो फिर हमारे द्वारा दिये गये 18,000 में से केवल 14 हलफनामों (शपथ पत्र) का जवाब देने के बाद बचे 17986 हलफनामों का जवाब क्यों नहीं दे रहा है? इस पोस्ट में यादव ने एक समाचार चैनल का वीडियो साझा किया है जिसमें यह दावा किया गया है कि एआई के जरिए पंचायत चुनाव के मद्देनजर सवा करोड़ मतदाता कम किए गए हैं। इसमें यह भी दावा किया गया है कि एआई के जरिए अलग अलग गांवों में डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान हुई है जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा पिछले माह एक प्रेसवार्ता में वोट चोरी और अन्य अनियमितताओं के विपक्ष के आरोपों को गलत बताया गया था।