– मर्डर के बाद सिर काट ले गया था कुख्यात, एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया, 14 साल से फरार था
आजमगढ़। एक लाख के इनामी कुख्यात बदमाश शंकर कन्नौजिया को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। कन्नौजिया 14 साल से फरार था। उस पर हत्या और अपहरण के कई मुकदमे थे। वह हत्या के बाद लाश का सिर काटकर ले जाता था। शनिवार तड़के 4.30 बजे रळऋ को सूचना मिली कि आजमगढ़-मऊ बॉर्डर पर एक बड़ा अपराधी किसी वारदात को अंजाम देने वाला है। इसके बाद एसटीएफ और पुलिस की एसओजी टीम ने चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान एक बाइक से दो संदिग्ध आते हुए नजर आए।
एसओजी ने बाइक को रोकने का प्रयास किया तो आरोपी ने कार्बाइन से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ और एसओजी ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें एक बदमाश को गोली लगी। वह जमीन पर गिर गया। जबकि बाइक सवार दूसरा बदमाश मौके से भाग गया। एसटीएफ आरोपी को मेडिकल कॉलेज ले गई। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की शिनाख्त शंकर कनौजिया के रूप में हुई है।
शंकर के पास से 9 एमएम की कार्बाइन, 9 एमएम की पिस्टल, खुखरी और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुआ है। शंकर ने 2011 में दोहरीघाट में लूट के दौरान विंध्याचल पांडे की गला काटकर हत्या की थी। इसके बाद से वह फरार था। फरारी के दौरान कई वारदातों में उसका नाम आया, लेकिन पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। जुलाई, 2024 में आजमगढ़ के महाराजगंज में शैलेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति का अपहरण के बाद सिर धड़ से अलग करके हत्या हुई थी।
इसके बाद 17 सितंबर 2024 को वाराणसी एडीजी पियूष मोर्डिया ने शंकर कन्नौजिया पर एक लाख का इनाम घोषित किया था। तब से पुलिस और एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी।
जुलाई 2024 में पिकअप ड्राइवर का सिर धड़ से अलग किया था
आजमगढ़ के लाटघाट रौनापार मार्ग पर जुमराती के घर सिर कटा शव 14 जुलाई 2024 को बरामद हुआ। जुमराती पर भी हत्याकांड में शामिल होने के आरोप लगे। सिर्फ धड़ था, सिर गायब था। पहनावे और जेब से मिले कुछ कागजात के आधार पर लाश की पहचान आजमगढ़ के महाराजगंज थाना क्षेत्र के देवारा निवासी पिकअप ड्राइवर शैलेंद्र के रूप में हुई। शैलेंद्र 10 दिनों से लापता था। इस घटना को शंकर कन्नौजिया और उसके दो साथी रामछवि उर्फ छबिया निवासी दोहरीघाट, मऊ और छांगुर निवासी जीयनपुर ने अंजाम दिया था। रामछवि और छांगुर लाश मिलने के बाद अरेस्ट हो चुका था। शंकर कन्नौजिया फरार था। पिकअप लूटने के लिए इन लोगों ने हत्या की। इसी के बाद वाराणसी जोन के अऊॠ पीयूष मोर्डिया ने शंकर कन्नौजिया पर एक लाख का इनाम घोषित किया था।


