- अब गर्मी के अवकाश में प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ कॉलेज के डॉ रामकुमार गुप्ता सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हुए बदलावों पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मेरठ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर युद्ध वीर सिंह के निर्देशन में संपन्न हुई।
इस कार्यशाला की रूपरेखा एन ई पी कमेटी की समन्वयक प्रोफेसर सीमा गोयल ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति जुलाई 2021 से लागू की थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों में इस वर्ष से आवश्यकता के अनुसार महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। इन परिवर्तनों को मेरठ कॉलेज जैसे अग्रणी महाविद्यालय के शिक्षकों को जानना अत्यंत आवश्यक है।
यह कार्यशाला दो सत्रों में आयोजित की गई, जिसमें पहले सत्र में कला एवं वाणिज्य संकाय के शिक्षकों ने भाग लिया और दूसरे सत्र में विज्ञान संकाय के शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर रचना कुमारी ने स्नातक द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष के मेजर विषयों, माइनर एवं वोकेशनल विषयों के बारे में विस्तार से बात की। इसी के साथ उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक कोर्सेज में क्रेडिट सिस्टम एवं विषय संयोजन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार प्रकाश डाला। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में प्रोफेसर प्रगति रस्तोगी ने सत्र 2025 से प्रारंभ स्नातक एवं परास्नातक के विषयों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों को विस्तार से प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया। माइनर विषय एवं मेजर विषयों के सिलेबस का क्रेडिट समान होगा। अब छात्र को वोकेशनल विषय का चयन पहले से तृतीय सेमेस्टर तक करना है जबकि पूर्व में शुरू के 4 सेमेस्टर में अलग-अलग वोकेशनल कोर्सों का चयन करना होता था।
उन्होंने आगे शोध प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा की प्रोजेक्ट को चतुर्थ सेमेस्टर के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश में पूरा करना होगा।
कार्यशाला के अंत में डॉ सीमा गोयल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला को सफल बनाने में प्रो हरजिंदर सिंह, डॉ राजीव कुमार, डॉ वैशाली, डॉक्टर स्वाति मिश्रा डॉ विक्रांत एवं श्री अतुल कुमार शर्मा का विशेष सहयोग रहा।