– अलावलपुर में मकान का लेंटर गिरा।
बिजनौर। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही तेज बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे इलाके में बाढ़ की स्थिति बन गई है। पिछले 30 घंटों में गंगा का जलस्तर दोगुना से भी अधिक बढ़ चुका है। अलावलपुर गांव में एक मकान का लेंटर गिरने से सात लोग मलबे में दब गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया, जबकि अन्य का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। शहर के ईदगाह क्षेत्र में भारी बारिश के कारण घरों और मस्जिदों में पानी घुस गया है, जिससे लोग चार फीट गहरे पानी में अपने घरों से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
नजीबाबाद में मालन नदी के रपटे को पार करते समय एक स्कॉर्पियो गहरे पानी में फंस गई, लेकिन स्थानीय लोगों ने रस्सी की मदद से सवारों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जिले की कई नदियां उफान पर हैं और कछियाना बस्ती में पानी घुसने से लोग घरों में कैद हो गए हैं।
ईदगाह के पास भारी बारिश के कारण घरों और मस्जिदों में पानी घुस गया, जिससे स्थानीय लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। चार फीट गहरे पानी में लोग किसी तरह से अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और दूसरों की मदद के लिए गैस सिलेंडर लाते हुए देखे गए। पानी की ऊंचाई इतनी बढ़ गई है कि सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो गया है।
नजीबाबाद क्षेत्र में मालन नदी के रपटे को पार करते समय एक स्कॉर्पियो गहरे पानी में फंस गई, जिससे गाड़ी बोनट तक डूब गई और पीनी में समा गई। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने रस्सी की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला और सवारों को सुरक्षित बचा लिया। जिले की नदियां उफान पर हैं, नजीबाबाद की कई सड़कें जलमग्न हैं, जबकि कछियाना बस्ती में भी मालन नदी का पानी घुसने से लोग घरों में फंसे हुए हैं।
जिले में पिछले 28 घंटे से तेज बारिश जारी है, जिससे कई क्षेत्रों में पानी भर गया है। नजीबाबाद क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति सबसे गंभीर है, जहां सड़कों पर पानी भर गया है और घरों व दुकानों में भी पानी घुसने से स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश के कारण केवल गंगा ही नहीं, बल्कि मालन नदी भी उफान पर है। रविवार रात से शुरू हुई बारिश के बाद गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह 70 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था, जो शाम तक बढ़कर 1,40,000 क्यूसेक हो गया। मंगलवार सुबह यह जलस्तर 1,62,000 क्यूसेक से भी अधिक हो गया। इसके कारण खेतों में पानी भर गया है और सड़कों पर जल जमाव हो गया है।
गंगा बैराज पर जलस्तर 221.50 मीटर दर्ज
पांच अगस्त को सुबह 4 बजे गंगा बैराज पर जलस्तर 221.50 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 220.00 मीटर से 1.5 मीटर अधिक है। वर्तमान में गंगा में लगभग 1,62,000 क्यूसेक पानी बह रहा है।
सिंचाई विभाग और प्रशासन अलर्ट पर
गंगा बैराज के अपस्ट्रीम में जलस्तर 221.50 मीटर है और डाउनस्ट्रीम में जलस्तर 219.60 मीटर है, जहां से भी उतना ही पानी बह रहा है। सिंचाई विभाग ने बताया कि मुख्य गंगा कैनल स्लूइस-1 और स्लूइस-2 से कोई पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने स्टाफ को हाई अलर्ट पर रखा है।
स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह
मध्यगंगा सिंचाई खंड के एक्सईन ब्रजेश मौर्य ने बताया कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्टाफ को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। स्थानीय प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें संभावित खतरे से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है।