- बुनियादी ढांचे और व्यक्तित्व विकास में सीसीएसयू प्रदेश में अव्वल।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने एक बार फिर शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक दक्षता के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है। इंडिया टुडे एमडीआरए बेस्ट यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष सामान्य (सरकारी) विश्वविद्यालयों में 17वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के निरंतर प्रयास, नवाचार और टीम भावना का प्रतिफल है।
यह रैंकिंग देशभर के विश्वविद्यालयों के बीच पांच प्रमुख मापदंडों पर आधारित होती है — प्रतिष्ठा और प्रशासन, शैक्षणिक एवं शोध उत्कृष्टता, भौतिक संसाधन और छात्र अनुभव, व्यक्तित्व और नेतृत्व विकास, तथा कैरियर प्रगति और प्लेसमेंट। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की रैंकिंग में लगातार सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2022 में 24वें स्थान से शुरू हुई यह यात्रा 2023 में 22वां, 2024 में 18वां और अब 2025 में 17वें स्थान तक पहुंची है। यह दशार्ता है कि विश्वविद्यालय ने गुणवत्ता और परिणाम आधारित कार्यशैली को प्राथमिकता दी है।
विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लिविंग एक्सपीरियंस तथा पर्सनैलिटी एंड लीडरशिप डेवलपमेंट जैसी श्रेणियों में विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश की राज्य विश्वविद्यालयों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं उन्हें उत्कृष्ट संसाधनों से युक्त वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दशार्ती है।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि यह सम्मान विश्वविद्यालय परिवार के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। हमारी कोशिश रही है कि हम विद्यार्थियों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि एक समग्र, सशक्त और प्रगतिशील व्यक्तित्व प्रदान करें। रैंकिंग में हुई यह प्रगति हमें और अधिक उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करती है। मैं इस सफलता के लिए समस्त शिक्षकों, शोधार्थियों, कर्मचारियों और छात्रों को हार्दिक बधाई देती हूं।
शोध एवं नवाचार प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह ने कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में शोध गतिविधियों और नवाचार आधारित परियोजनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हम इंडस्ट्री और एकेडमिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। यह रैंकिंग विश्वविद्यालय की शोध क्षमताओं और गुणवत्ता की राष्ट्रीय मान्यता है।
विश्वविद्यालय का लक्ष्य अब वैश्विक रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत करना है। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कौशल-आधारित शिक्षा, बहुविषयी दृष्टिकोण और डिजिटल नवाचारों को प्राथमिकता दी जा रही है। आने वाले वर्षों में यह संस्थान शिक्षण, शोध और समाज सेवा के क्षेत्र में और ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध है।