- होटल मालिक ने कहा था कड़ा पहनकर हिंदू बन जाओ।
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में ढाबे पर पहचान जानने की जांच करने वाला मामला तूल पकड़ चुका है। एक तरफ जहां पुलिस स्वामी यशवीर महाराज की टीम के लोगों को नोटिस भेजा है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने पंडित जी वैष्णो ढाबा के मालिक सनव्वर, उसके बेटे आदित, जुबैर और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पंडित जी वैष्णो ढाबे के कर्मचारियों ने स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम पर पहचान के नाम पर पेंट उतारने का भी आरोप लगाया है। उसी कर्मचारी की अब असलियत सामने आ गई है, जो खुद को गोपाल बता रहा था, वह तजम्मुल निकला। उसका आधार कार्ड भी सामने आया है, तजम्मुल ने बताया कि उसे खुद को गोपाल बताने को कहा गया था। तजम्मुल ने यह भी बताया कि उसके मालिक ने हाथ में कड़ा पहनने को कहा था। स्वामी की टीम ने यह आरोप लगाया है कि पंडित जी वैष्णो ढाबा नाम के होटल में अधिकांश कर्मचारी मुस्लिम थे और वे स्वयं को हिंदू बताकर काम रहे थे।
मुजफ्फरनगर के बहुचर्चित होटल पहचान कांड में अब नया मोड़ आ गया है। इस पूरे मामले में जिस गोपाल नाम के युवक पर आरोप लगाए गए थे, उसका असली नाम तजम्मुल निकला है। अब खुद तजम्मुल ने इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी तोड़ते हुए होटल मालिक की साजिशों का खुलासा किया है।
तजम्मुल ने बताया कि वह होटल में काम करने के लिए अपनी पहचान नहीं छिपाना चाहता था, लेकिन होटल मालिक ने उसे हिन्दू पहचान के रूप में पेश करने के लिए मजबूर किया। तजम्मुल ने आगे कहा कि होटल मालिक ने मुझसे कहा कि तुम्हारा नाम गोपाल है, तुम पंडित जी के लड़के कहलाओगे, और तुम्हारे हाथ में कड़ा भी पहनवा दिया जाएगा ताकि तुम हिन्दू लगो। अब इस खुलासे के बाद उस क्षेत्र में साम्प्रदायिक का माहौल बना हुआ है।
वहीं तजम्मुल ने बताया कि कुछ लोग पहचान करने वाली टीम के नाम से होटल आए। उन्होंने उसने मारपीट की, वहीं उसके साथ काम कर रहे कर्मचारियों को भी पीटा। यहां तक की ने उन लोगों ने पेंट उतारकर चेक किया कि मैं हिंदू या मुसलमान। ऐसी घटना के बाद न सिर्फ सामाजिक सौहार्द खराब हो रहा है बल्कि ये मानवाधिकार का भी उल्लंघन है।
तजम्मुल ने यह भी बताया कि होटल मालिक ने उसे झूठी पहचान देने के पीछे सिर्फ धंधा बचाने की मंशा थी। उन्हें डर था कि मुस्लिम कर्मचारी होने पर ग्राहक दुकान पर आना बंद न कर दे। इसलिए उन्होंने मेरी असली पहचान छिपाई।
प्रशासन के लिए चुनौती बनी यह घटना
अब यह मामला स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था के लिए एक नई चुनौती बन गया है। होटल मालिक की भूमिका, कर्मचारियों पर दबाव और तथाकथित पहचान सत्यापन के नाम पर की गई ज्यादतियों पर जांच की मांग उठ रही है।