- ड्रोन से होगी निगरानी।
गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा को सुगम और सफल बनाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने पूर्ण तैयारी कर ली है। 10 जुलाई से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे वनवे कर दिया जाएगा। कांवड़ मार्ग पर खुली खाद्य और पेय पदार्थ वाली दुकानों, ठेला संचालकों को नेम प्लेट और रेट लिस्ट चस्पा करनी होगी। 25 ड्रोन और तीन हजार सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात रहेगी और 50 वॉच टॉवर बनाए जाएंगे। दूधेश्वरनाथ मंदिर और अन्य पांच मार्गों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी, जिन्हें सीसीटीवी से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही एलईडी स्क्रीन पर मुख्य मार्गों का मैप दशार्या जाएगा और प्रत्येक 100 मीटर की दूरी पर दिशासूचक बोर्ड लगाए जाएंगे।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि एक दर्जन ड्रोन कैमरों से पूरे कांवड़ मार्ग व दूधेश्वरनाथ मंदिर पर पुलिस नजर रखेगी। साथ ही कांवड़ मार्ग के पांच मुख्य केंद्रों पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। जिस पर कांवड़ियों को पूरे कांवड़ मार्ग के रूट की जानकारी मिलेगी। ये स्क्रीन कंट्रोल रूम से संचालित होंगे। साथ ही रूट डायवर्जन वाले प्वाइंट पर पांच मीटर पहले से हर 100 मीटर की दूरी पर दिशासूचक बोर्ड लगाया जाएगा।
एलईडी स्क्रीन परतापुर से गाजियाबाद में एंट्री प्वाइंट पर, परतापुर से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे एंट्री प्वाइंट पर, मेरठ से गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर, मुरादनगर नहर और मेरठ तिराहा पर लगाई जाएंगी। स्क्रीन पर कांवड़ियों को पास के शौचालय, एंबुलेंस, पुलिस कंट्रोल रूम, शिविर, पुलिस चौकी, रूट मैप समेत अन्य जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली 107 पुलिस चौकियों पर भी अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती की जाएगी। सभी चौकियों पर पीए (पब्लिक एड्रेस) सिस्टम लगाए जाएंगे। यातायात पुलिस के भी 700 पुलिसकर्मी कांवड़ रूट व डायवर्जन प्वाइंट पर तैनात रहेंगे। साथ ही 2500 पुलिसकर्मी और दो कंपनी पीएसी भी तैनात की जाएगी।
50 वॉच टावरों से भी होगी निगरानी
कांवड़ मार्ग पर 50 जगह वॉच टावर बनाए जा रहे हैं। इन टावरों से कांवड़ यात्रा की निगरानी की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि वॉच टावर ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां से लंबी दूरी तक नजर रखी जा सके। प्रत्येक वॉच टावर पर तैनात पुलिसकर्मी दूरबीन, एंटी रायट गन, अत्याधुनिक हथियार, ड्रैगन लाइट, वीडियो कैमरा से लैस होंगे।
शिविर लगाने को लेनी होगी अनुमति
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि शिविर लगाने के लिए क्षेत्रीय थाना पुलिस से अनुमति लेनी होगी। शिविर में सेवादारों का सत्यापन होगा और खाद्य पदार्थों की समय-समय पर निरीक्षण होगा। बगैर अनुमति के शिविर नहीं लगेंगे।