सरधना की सना के पास हिंदुस्तानी नागरिकता, मासूम बच्चों पर पाकिस्तानी वीजा
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सना अपने दोनों मासूम बच्चों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए बॉर्डर पहुंच चुकी है। सना अपनी 3 साल के बेटे और 1 साल की बेटी को लेकर अटारी बॉर्डर पहुंची। जहां उसे मजबूरन अपने दोनों बच्चों को खुद से जुदा करना पड़ रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानियों को भारत से पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा रहा है। सरधना, घोसियान की रहने वाली सना भी इस आदेश के आगे मजबूर है। सना के पास हिंदुस्तानी नागिरकता है। उसे अब तक पाकिस्तानी नागरिकता नहीं मिली है इसके कारण वो पाकिस्तान नहीं जा सकती। लेकिन उसके दोनों बच्चे पाकिस्तानी वीजा पर 45 दिन के लिए भारत आए हैं। जो अब भारत में नहीं रह सकते। इसलिए सना को आज मजबूरन अपने बच्चों को मां से जुदा करते हुए पाकिस्तान भेजना पड़ रहा है।
अटॉरी बॉर्डर पर पहुंची सना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो बच्चों को पाकिस्तान भेजने के लिए जा रही है। सना ने कहा कि बच्चों को मांओं से जुदा क्यों कर रहे हैं। इसमें हमारी क्या गलती है हमारा क्या गुनाह है। सना ने कहा कि मेरी एक साल की बेटी और तीन साल का बेटा है। हम कैसे बच्चों के बिना रह पाएंगे। मैं सरकार से कहना चाहूंगी कि सरकार मांओं पर ये जुल्म न करे।
बच्चों के पिता उनको लेने आएंगे
सना ने बताया कि वो बच्चों के 45 दिन के वीजा पर मेरठ, भारत आई थी। सना की शादी कराची पाकिस्तान में हुई है। सना के शौहर डॉ. बिलाल हैं। सना का कहना है कि मेरी सरकार से अपील है कि ये छोटे बच्चे कैसे रहेंगे। आज बच्चों के पिता डॉ. बिलाल उन्हें लेने बॉर्डर पर आ रहे हैं। जहां से वो दोनों बच्चों को ले जाएंगे।