UP Politics: बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती बुधवार 16 अप्रैल को लखनऊ कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक करेंगी। इसमें पार्टी की आगामी रणीनीति तय होगी। BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 16 अप्रैल को लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ अहम बैठक करेंगी. यह बैठक सुबह 11 बजे पार्टी के उत्तर प्रदेश स्टेट कार्यालय, 12 माल एवेन्यू, लखनऊ में होगी. इस बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के संगठन से जुड़े सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष अनिवार्य रूप से शामिल होंगे. पार्टी की ओर से बताया गया है कि यह बैठक संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने, आगामी चुनावों की रणनीति तय करने और जनता से पार्टी के जुड़ाव को और मजबूत बनाने के लिए बुलाई गई है.
इस बैठक की एक और खास बात यह है कि इसमें बीएसपी प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद की भी मौजूदगी देखी जा सकती है. पार्टी से निष्कासन के बाद यह पहला मौका होगा जब आकाश आनंद किसी पार्टी मंच पर दिख सकते हैं. ऐसे में उनकी भूमिका और उन्हें दी जाने वाली जिम्मेदारियों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. सूत्रों की मानें तो उन्हें फिर से बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
संगठन को सक्रिय करने की रणनीति बना रहीं मायावती
गौरतलब है कि बीएसपी इन दिनों अपने पुराने जनाधार—दलित, पिछड़ा और ब्राह्मण वर्ग—को फिर से मजबूत करने की कोशिशों में जुटी है. मायावती ने हाल के महीनों में संगठन में कई बदलाव किए हैं और लगातार ज़मीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाए हुए हैं. बीएसपी का उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छा जनाधार रहा है, लेकिन बीते कुछ चुनावों में पार्टी प्रदर्शन में गिरावट आई है. ऐसे में मायावती खुद मैदान में उतरकर संगठन को फिर से सक्रिय करने की रणनीति अपना रही हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में बीएसपी की आने वाली रैलियों, जनसभाओं और सदस्यता अभियान को लेकर भी योजनाएं बनाई जाएंगी. साथ ही, कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दिया जाएगा कि पार्टी पूरी ताकत से आने वाले चुनावों की तैयारी में जुट गई है. बैठक को लेकर मीडिया को भी आमंत्रण भेजा गया है, जिससे साफ है कि बीएसपी इस बैठक को केवल संगठनात्मक चर्चा नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संकेत भी बनाना चाहती है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक बीएसपी के लिए चुनावी मोर्चे पर नई शुरुआत हो सकती है, खासतौर पर अगर आकाश आनंद की वापसी को औपचारिक तौर पर मंजूरी मिलती है. अब सभी की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं, जहां से बीएसपी की भविष्य की दिशा और रणनीति का संकेत मिल सकता है।