- फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराया,
- ऑस्ट्रेलिया के पांच खिलाड़ी रन आउट हुए।
वर्ल्ड कप क्रिकेट की शुरुआत इंग्लैंड में 1975 में धमाके के साथ शुरू हुई। टेस्ट मैच देखने के शौकीन लोगो को फटाफट क्रिकेट देखने में मजा आया।
1975 में खेले गए पहले वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और ईस्ट अफ्रीका ने हिस्सा लिया था। पहले वर्ल्ड कप का फाइनल मैच वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था जिसमें वेस्ट इंडीज की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर पहला वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। हालांकि, 1975 का वर्ल्ड कप कप्तान श्रीनिवास वेंकटराघवन के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। भारतीय टीम ने पहले वर्ल्ड कप में 3 मैच खेले और सिर्फ एक जीत सकी।
202 रन से हारी टीम इंडिया
टूर्नामेंट का पहला मैच भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। इंग्लैंड के 334 रनों के जवाब में भारतीय टीम 132 रन ही बना पाई थी। सुनील गावस्कर ने 174 गेंदों पर 36 रन बनाए थे। भारत को इस मैच में 202 रनों की हार मिली थी। यह उस समय रनों के मामले में वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी हार थी।
गैरी गिल्मर की घातक गैंदबाजी
पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की भिड़ंत हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के गैरी गिल्मर ने 14 रन देकर 6 विकेट लिए और इंग्लैंड को सिर्फ 93 रन पर सिमेट दिया। ऑस्ट्रेलिया ने भी 39 रन पर 6 विकेट खो दिए थे। इसके बाद गिल्मर के 28* रन ने टीम को जीत दिला दी।
पूर्वी अफ्रीका के खिलाफ जीता भारत
7 जून, 1975 को इंग्लैंड से हारने के बाद भारतीय टीम को दूसरे मैच में पूर्वी अफ्रीकी टीम से भिड़ने से पहले पांच दिन का समय मिला। 11 जून को पूर्वी अफ्रीका से भिड़ंत हुई। यह टीम भी पहली विश्व कप में हिस्सा ले रही थी। अफ्रीका में क्रिकेट खेलने वाले सबसे मजबूत देश दक्षिण अफ्रीका को नस्लभेद के आधार पर खिलाड़ियों के चयन करने की वजह से आइसीसी ने बैन लगा दिया था। केन्या, युगांडा, तंजानिया, जाम्बिया देश पूर्वी अफ्रीका के अंदर आते थे। इन देशों के खिलाड़ियों को मिला कर पूर्वी अफ्रीकी टीम बनी। हालांकि पाकिस्तान में जन्मे फ्रासत अली भी पूर्वी अफ्रीकी टीम के सदस्य थे।
टॉस जीत कर भारत के खिलाफ पूर्वी अफ्रीकी टीम ने बल्लेबाजी चुनी।
पहले विश्व कप के दौरान वनडे क्रिकेट 60 ओवर का हुआ करता था। भारतीय कप्तान श्रीनिवास वेंकटराघवन लीड्स के मैदान पर टॉस हार गये। पूर्वी अफ्रीका के कप्तान हरिलाल शाह ने टॉस जीत कर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वनडे क्रिकेट 60- 60 ओवरों का होता था, तो एक गेंदबाज 12 ओवर तक गेंदबाजी कर सकते थे। बल्लेबाजी करने का फैसला पूर्वी अफ्रीका के लिए भारी पड़ा। कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों को ठीक से सामना नहीं कर सका और भारतीय गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया की विकेटों की झड़ी लग गई।
गावस्कर का अर्धशतक
इंग्लैंड के खिलाफ 174 गेंदों पर 36 रन बनाने के बाद आलोचना झेलने वाले गावस्कर पूर्वी अफ्रीकी देश के खिलाफ नये रंग में नजर आये। आते ही धमाकेदार बल्लेबाजी शुरू कर दी। 86 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 65 रन की नाबाद पारी खेली। सुनील गावस्कर के साथ ओपनिंग करने आये फारूख इंजीनियर ने भी नाबाद 54 रन बनाये। भारत ने इस मैच को 29.5 ओवरों में 10 विकेट से जीत लिया। यह मैच क्रिकेट के इतिहास में भारत की पहली वनडे जीत के तौर पर दर्ज हो गया। इस मैच में एक खास चीज़ और हुई. बेहतर स्ट्राइक रेट और ज्यादा रन बनाने के बावजूद भी इंग्लैंड के पैनल ने सुनील गावस्कर को प्लेऑफ द मैच नहीं चुना। उनकी जगह फारुख इंजीनियर को प्लेऑफ द मैच चुना गया था।
पहले ही दौर में बाहर हो गया था भारत हालांकि पूर्वी अफ्रीकी देश के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद भी अगले मैच में भारत को न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा। इससे टीम अगले दौर में नहीं पहुंच सकी और भारत का पहला विश्व कप जीतने का सपना टूट गया।