Friday, June 27, 2025
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गोवंश अनुसंधान में विकसित फ्रीजवाल गाय हुई पंजीकृत

  • साल भर में सात हजार लीटर दूध देगी।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महानिदेशक एवं सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, डॉ. हिमांशु पाठक द्वारा भाकृअनुप-केन्द्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ एवं सैन्य फार्म, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से विकसित संकर दुधारू फ्रीजवाल नस्ल के पंजीकृत प्रार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

भारत की पहली फ्रीजवाल नस्ल को विकसित करने वाली टीम को प्रमाण-पत्र वितरित करके सम्मानित किया गया। यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में आयोजित पशुधन नस्ल पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरण समारोह किया गया। इस नस्ल को भारत सरकार के सरकारी गजट में भी शामिल कर लिया गया है। इस नस्ल को देश भर में फैले 37 सैन्य फार्मों की सहायता से तैयार किया गया है। इस नस्ल की गाय 305 दिनों के परिपक्व दुग्धकाल में लगभग चार प्रतिशत वसा के साथ चार हजार लीटर से सात हजार लीटर तक दूध देने में सक्षम है। इस नस्ल के गोवंश भारत की सभी कृषि जलवायु परिस्थिति में भी अधिक उपयुक्त पाये गए हैं।

इस समारोह में संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ. सुशील कुमार, डॉ. श्रीकांत त्यागी, डॉ. ए. के. दास, डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही, डॉ. रविंदर कुमार और डॉ. नैमी चंद, को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा, उप महानिदेशक डॉ. आर. भट्टा, सहायक उप-महानिदेशक डॉ. जी. के. गौड़ आदि मौजूद रहे।

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