एचएमपीवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मेरठ सीएमओ ने जारी की गाइडलाइन, इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं

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शारदा रिपोर्टर मेरठ। कोरोना के बाद इस सर्दियों में एचएमपीवी वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। चाइना के बाद यह वायरस दुनियाभर में फैल रहा है। भारत में भी इसके दो मामले आ चुके हैं। ऐसे में मेरठ का स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस मामले को लेकर वह पूरी तरह अलर्ट है। हालांकि, अभी तक उत्तर भारत में इस वायरस का संक्रमण नहीं फैला है। लेकिन मेरठ स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को सर्दी, खांसी के मरीजों की विशेष निगरानी करने की सलाह दी है।

मेरठ के सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने कहा कि ह्यूमन मेटानीमो वायरल नामक एक नया वायरस सकुर्लेट हो रहा है। जिसमें कोरोना जैसे लक्षण हैं, लेकिन इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इस मौसम में इस तरह के वायरस आते हैं। शासन से गाइडलाइन मिलते ही हम उसे जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संसाधन हैं। इसलिए आम जनमानस को डरने की कोई जरुरत नहीं है।

उन्होंने बताया कि, सर्दियों में हमेशा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट जारी करता है। जिसमें वायरस संक्रमण से बचने के लिए कहा जाता है। सर्दी, खांसी, जुकाम जो क्रोनिक डिजीज हैं उनके मरीजों को विशेष उपचार दिया जाए, उन्हें स्पेशली ध्यान दिया जाए इसके लिए कहा जाता है। उन्होंने कहा कि, अभी भी अस्पतालों को यह अलर्ट जारी किया है कि, सांस संबंधी रोगों के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें। तत्परता से इलाज दिया जाए। लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं।

कोरोना की तरह घातक नहीं: डॉ. अशोक कटारिया ने बताया कि इस वायरस में कोविड जैसी घातकता नहीं है, जिसमें स्वस्थ व्यक्ति के भी संक्रमित होने पर जान को खतरा था। जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उनमें खतरा ज्यादाहै। बाकी बच्चों में सर्दी जुकाम और तेज बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज कराएं। सर्दी में वायरल निमोनिया ज्यादा मिल रहा है। मगर, समय से दवा लेने पर बच्चे ठीक हो रहे हैं।

इन बातों का रखें ख्याल

  • बुखार, छींक, खांसी और गले में खराश पर मास्क लगा लें।
  • हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों और बेवजह अस्पताल जाने से बचें।

बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर

स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड रिस्पांस टीम को भी अलर्ट कर दिया है। देश भर में तेजी से केस बढ़ने पर बाहर से आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाएगी। सांस संबंधी बीमारी होने पर उनकी जांच और इलाज कराया जाएगा।

ये हैं लक्ष्ण

सर्दी जुकाम, नाक बहना, बुखार आना, सांस लेने में परेशानी, खांसी बंद ना होना, फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया।

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