शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मास्टर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से प्रोफेसर आर पी जुयाल ने बीए एवं एमए के सौ से अधिक विद्यार्थियों के समक्ष इंस्टीटूशनल इकोनॉमिक्स – एवोलुशन एंड ग्रोथ शीर्षक से एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। व्याख्यान में उन्होंने अर्थव्यस्था में विभिन्न संस्थाओं की भूमिका एवं महत्ता पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर आर.पी. जुयाल में अपने व्याख्यान में बताया कि किस प्रकार अंग्रेजों ने भारत की स्थापित संस्थाओं को नष्ट किया तथा जो भी अंग्रेजों द्वारा शासित कॉलोनी थी वहां अंग्रेजों ने कुछ संस्थाएं स्थापित भी की। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ अमीर देश के पास धन का 80: हिस्सा है। प्रोफेसर जुयाल ने बेबलिन इफेक्ट और तथा ड्यूशनबेरी इफेक्ट के बारे में भी बताया।
संस्थागत अर्थशास्त्र किस प्रकार एडम स्मिथ के काल से शुरू हुआ तथा इस वर्ष इन अर्थशास्त्रियों को इसी सत्र में शोध करने पर नोबेल पुरस्कार दिया गया। अनेकों पुस्तकों दि लास्ट मुगल, सिपिएंस तथा ष्द थ्योरी ऑफ मोरल सेंटीमेंटसष् पर विशेष चर्चा की। विद्यार्थियों ने रुचि लेते हुए कई प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके पश्चात विद्यार्थियों के साथ व्याख्यान पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन आई क्यू ए सी की समन्वयक प्रोफेसर अर्चना सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर युद्धवीर सिंह, श्री अंकुर गुप्ता, प्रोफेसर सांत्वना शर्मा, प्रोफेसर मनोज सिवाच एवं प्रोफेसर नविता एस कुमार का सहयोग रहा। कार्यक्रम के आयोजन में शोधार्थी निशांत, मंजीत, कुमारी सलोनी एवं कुमारी नेहा का विशेष योगदान रहा।