लखनऊ। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश
एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने टोल संग्रह के लिए नए सिरे से कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। इसके अंतर्गत न्यूनतम 471.65 करोड़ रुपये का टोल संग्रह देना होगा। इसमें हर वर्ष 10 फीसदी की वृद्धि होगी।
लखनऊ से आगरा के बीच 302 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2016 में शुरू किया गया था। जनवरी 2018 से टोल शुल्क लगना शुरू हुआ। इस एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य टोल प्लाजा और 15 रैंप प्लाजा हैं। साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक जंक्शन है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे अधिनियम के तहत वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है।
टोल शुल्क वसूलने के लिए एजेंसियों को समय-समय पर बदला जाता है। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत लखनऊ-आगरा टोल शुल्क वसूलने के लिए नई एजेंसी का चयन किया जा रहा है। चुनी गई एजेंसी को अधिकतम ढाई वर्ष तक टोल संग्रह का काम दिया जाएगा।
सालाना टोल संग्रह न्यूनतम 471.65 करोड़ रुपये रखा गया है। जिस एजेंसी का चयन किया जाएगा, उसे टोल संग्रह के अतिरिक्त 10 एडवांस श्रेणी की एंबुलेंस, 10 पेट्रोल वाहन और 10 पेट्रोलिंग व सेफ्टी वाहनों का रखरखाव करना होगा।