एजेंसी, नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह के बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े एक बयान पर मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भड़क गई है। बांग्लादेश ने भारत सरकार से बांग्लादेश के लोगों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी है। एक चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने झारखंड से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की बात कही थी। जिसपर मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने कड़ा विरोध जताया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ढाका में भारतीय उच्चायोग को इससे जुड़ा विरोध पत्र सौंपा है।
बांग्लादेश ने पत्र के माध्यम से कहा कि पड़ोसी देश के जिम्मेदार लोगों की तरफ से आने वाले इस तरह के बयान दो मित्र देशों के बीच आपसी समझ और सम्मान की भावना को कमजोर करते हैं। दरअसल, शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने झामुमो नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ये लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण दे रहे हैं। गृह मंत्री ने चेतावनी दी थी कि यदि इन्हें रोका नहीं गया तो आने वाले 25-30 सालों में बांग्लादेशी घुसपैठिये बहुसंख्यक हो जाएंगे।
बोकारो में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है।
वे हमारी बेटियों से शादी कर रहे हैं और जमीन हड़प रहे हैं। इसके साथ ही समृद्ध आदिवासी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि यदि इसी तरह से चलता रहा तो आने वाले समय में ये लोग बहुमत में आ जाएंगे। कांग्रेस और हेमंत सोरेन इन्हें नहीं रोकेंगे, क्योंकि ये लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं। एक बार हमें सत्ता देकर देखिए हम सभी घुसपैठियों को बाहर कर देंगे। गृह मंत्री ने दावा किया कि संथाल परगना संभाग में आदिवासी आबादी 44 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो चुकी है।