ईडी

रांची। झारखंड में बीते कुछ महीनों से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा काफी गरम है। कई क्षेत्रों में घुसपैठ को ही आदिवासियों की आबादी में कमी का कारण बताया जा रहा है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी की ईडी की भी एंट्री हो गई है।

जानकारी के मुताबिक, झारखंड में घुसपैठ मामले की ईडी जांच करेगी। एजेंसी ने ढटछअ के तहत केस भी दर्ज कर लिया है। ईडी ने झारखंड पुलिस की एफआईआर को आधार बनाया है और मनी लान्ड्रिंग की आशंका जताई है। ईडी बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और संदिग्ध घुसपैठ में मनी लान्ड्रिंग पर जांच करेगी।

दरअसल, यह मामला रांची के बरियातू थाने में 4 जून 2024 को दर्ज की गई एफआईआर संख्या 188 पर आधारित है। एफआईआर के मुताबिक, 21 साल की निपा अख्तर खुशी को मनीषा राय नाम की लड़की द्वारा बांग्लादेश से कोलकाता लाया गया था। मनीषा ने झूमा नाम की एक और लड़की और निजी एजेंटों की मिलीभगत से जंगल क्षेत्र से निपा अख्तर को अवैध रूप से बांग्लादेश सीमा पार कराया।

फर्जी दस्तावेज भी दिलवाया जा रहा

जिस केस की ईडी जांच करेगी वह उन एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ से संबंधित है जो उन्हें भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं। ईडी के मुताबिक कई लोग अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। ये काम पीएमएलए, 2002 की धारा 2 (1) (यू) के तहत अपराध की आय से जुड़ी आपराधिक गतिविधियां हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here