मुंबई। छोटे पर्दे की जानी-मानी अदाकारा अनीता हसनंदानी मां बनने के करीब पांच साल बाद टीवी सीरियल सुमन इंदौरी के साथ फिर स्क्रीन पर लौटी हैं। ऐसे में, अनीता से हमने इस कमबैक, मां और एक्टर की भूमिका के बीच तालमेल आदि को लेकर की खास बातचीत।
बेटे को छोड़कर शूटिंग पर जाने का मॉम गिल्ट (अपराधबोध) तो हमेशा रहेगा, पर मुझे अपने करियर से भी प्यार है। मैं उसमें भी आगे बढ़ना चाहती हूं यह कहना है, काव्यांजलि, ये है मोहब्बतें और नागिन जैसे टीवी सीरियल्स में अपनी अदाकारी की छाप छोड़ने वाली एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी का। अनीता, बेटे आरव के जन्म के बाद से एक्टिंग से दूर थीं। अब हाल ही में वह सीरियल सुमन इंदौरी में देविका की नेगेटिव भूमिका के साथ स्क्रीन पर लौटी हैं। ऐसे में, पर्दे पर अपने किरदार के साथ-साथ वह आॅफस्क्रीन कामकाजी मां की नई जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
काम और मां के दायित्व के बीच तालमेल के बारे में बताती हैं, चूंकि आरव चार साल का होने वाला है तो मैं बात करके उसे समझाती हूं कि मैं काम पर जा रही हूं। शाम को वापस आ जाऊंगी और वह समझने लगा है। फिर भी मैं दिन में चार-पांच बार उसे फेसटाइम करती हूं। यह सुनिश्चित करती हूं कि मेरी मम्मी या हस्बैंड उसके साथ रहें।
देखिए, मुझे ऐसा लग रहा था कि ये मॉम गिल्ट तो कभी नहीं जाएगा। मैं बच्चे को छोड़कर जाने के लिए मेंटली शायद कभी तैयार नहीं हो पाऊंगी, लेकिन मैं अपने करियर से भी प्यार करती हूं। मैं अपना करियर भी आगे बढ़ाना चाहती हूं। इसलिए, जब मुझे सुमन इंदौरी में इतना पावरफुल, पैरलल लीड का आॅफर मिला तो मुझे लगा कि यह चांस लेना चाहिए। मुझे वह काम करना चाहिए जिससे मुझे प्यार है और जब आरव बड़ा हो जाएगा तो उसे मुझ पर गर्व होगा कि मम्मा आपने अच्छा किया।
इस ब्रेक के दौरान अनीता एक्टिंग को मिस करती थीं? यह पूछने पर वह कहती हैं मिला-जुला अहसास रहता था। कभी लगता है कि अच्छा हुआ कि काम नहीं कर रही हूं, अपने बच्चे को पूरा वक्त दे पा रही हूं। फिर कभी लगता है कि मैं अपनी जिंदगी के साथ क्या कर रही हूं, मुझे काम करना है।
असल में, एक बार जब आप मां बन जाती हैं, सब कुछ बदल जाता है। कभी मुझे खुशी होती थी कि चलो मैं घर पर हूं, मगर कई दिन ऐसे होते थे, जब लगता था कि मुझे वापस काम करना है। इसलिए, मैंने बीच-बीच में शोज किए, फिर नहीं किए, क्योंकि मैं भी कंफ्यूज थी कि मुझे करना क्या है, लेकिन अब जब आरव चार साल का हो गया है तो मुझे भी आत्मविश्वास आया कि मैं उससे फेसटाइम पर बात कर सकती हूं। उसे किसी ने डांट दिया तो वह मुझे बता सकता है कि नैनी ने ये कहा, तो मुझे यह भरोसा आ गया कि मैं काम कर सकती हूं।