मेरठ। एलएलआरएम कॉलेज में वायरल और हेपेटाइटिस को लेकर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर व कार्यशाला का समापन हो गया। इस दौरान मेरठ, मुरादाबाद व सहारनपुर मंडल के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. वीडी पांडेय ने बताया राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंर्तगत वायरल-हेपेटाइटिस लैब डायग्नोसिस एवं मैनेजमेंट को लेकर तीन दिवसिय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मेरठ, मुरादाबाद व सहारनपुर मंडल से आए 34 हेपेटाइटिस क्लिनिक के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। अंतिम दिन सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र दिये गए।
कार्यशाला अंतिम दिन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आभा गुप्ता ने लिवर की अत्याधुनिक जांच (फाइब्रोस्केनि) के विषय में बताया। डॉ. स्नेहलता वर्मा ने ट्रिटमेंट सेंटर के सुगम संचालन का प्रशिक्षण दिया। डॉ. संध्या गौतम ने हेपेटाइटिस के विषेश मरीजों जैसे एचआईवी से संक्रमित मरीजों व गर्भवती महिलाओं के उपचार को लेकरप्रशिक्षण दिया। विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ. अमित गर्ग ने हेपेटाइटिस की अत्याधुनिक जांच सुविधाओं पर चर्चा की जबकि डॉ. रचना सेमवाल ने हेपेटाइटिस के टीकाकरण की जानकारी दी। हेपेटाइटिस मॉडल ट्रिटमेंट सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया देश में हैपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसको देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को लेकर 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में शुरू किया।
पैथोलॉजी विभाग की आचार्य एवम विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीती सिंह ने बताया यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस का लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और जांच कराए। पैथोलॉजी विभाग में उपलब्ध जांचे एसजीओटी, एसजीपीटी एवं बिलुरुबीन की जांच करानी चाहिए। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. प्रेम प्रकाश मिश्रा ने बताया हेपेटाइटिस का लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग में उपलब्ध हेपेटाइटिस बी एवं सी के वायरल मार्कर टेस्ट जैसे एचबीएसएजी, एंटी एचसीवी एवं इनके वायरल लोड की जांच कराकर रोग की गंभीरता को मापा जा सकता है। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने प्रशिक्षण शिविर के सफल आयोजन पर डॉ. अरविन्द कुमार और मेडिसिन विभाग के पूरे स्टॉफ को बधाई दी है।