– 22 फरवरी से शुरू हो रही है यूपी बोर्ड की परीक्षाएं
– 19 फरवरी को बेसिक विभाग के शिक्षकों को जाना है केंद्रों पर
– जिले में कुल बेसिक शिक्षकों की संख्या साढ़े पांच हजार
– 1068 है पूरे जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों की संख्या
– एक लाख पंद्रह हजार है जिले में कुल छात्रों की संख्या
प्रेमशंकर, मेरठ। यूपी बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षाएं 22 फरवरी से आरंभ होने जा रही है। परीक्षाओं को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परीषद् ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा कक्ष निरीक्षक के रूप में लगाई है। जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार ने पत्र जारी कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से उन शिक्षकों की सूची मांगी है जिनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। लेकिन इस दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के 1068 विद्यालयों में बच्चों को कैसे पढ़ाया जाएगा यह सवाल उठने लगा है। लगता है बोर्ड परीक्षा के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को राम भरोसे छोड़ दिया गया है।
– जिले में कुल पांच हजार है बेसिक शिक्षकों की संख्या
पूरे जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के आधीन आने वाले सरकारी स्कूलों की संख्या 1068 है जिनमें शिक्षा लेने वाले कुल छात्रों की संख्या करीब सवा लाख है। जबकि इन विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या करीब पांच हजार है। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जारी पत्र में परीक्षाओं के लिए बनाएं गए कुल 102 केंद्रों पर बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
– 19 फरवरी को शिक्षकों को जाना होगा परीक्षा केंद्रों पर
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी पत्र में उन शिक्षकों को 19 फरवरी को केंद्रों पर जाने के आदेश दिए गए है जिनकी ड्यूटी बोर्ड परीक्षाओं में लगी है। यानी बोर्ड परीक्षाओं के शुरू होने से तीन दिन पहले ही शिक्षकों को केंद्रों पर रिपोर्ट करनी होगी। बीएसए ने इन शिक्षकों की भी सूची सभी बीईओ से मांगी है।
– नौ मार्च तक बेसिक विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई रहेगी प्रभावित
यूपी बोर्ड परीक्षाएं 22 फरवरी से आरंभ होकर 09 मार्च तक चलेंगी। इस दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित रहेगी। अब पहले से ही बीएसए के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर सवाल उठते रहें है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान भी पढ़ाई प्रभावित रहेगी जिसके तो क्या इसके लिए प्रशासन अपने आप को जिम्मेदार मानता है यह बड़ा सवाल है।