मेरठ। राज्य सरकारों को अब नए विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले उसे यूजीसी से यूजीसी अधिनियम-1956 के तहत धारा (2 एफ) में तय समय में पंजीकरण करवाना जरूरी होगा। यदि कोई विश्वविद्यालय इस नियम के तहत पंजीकृत नहीं होगा तो उसकी डिग्री भी मान्य नहीं होगी।
मंलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 13 नियामक प्राधिकरण के साथ बैठक के बाद उन्हें अपने संस्थानों को गाइडलाइन जारी करने को कहा है। साथ ही रिहैबिलिटेशन काउंसिल आॅफ इंडिया (आरसीआई) की मांग पर यूजीसी ने दिव्यांगजनों को कैंपस में विशेष सुविधा देने पर नैक एक्रीडिटेशन में महत्व देने का फैसला लिया है। यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने को लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी), भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम), भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), फामेर्सी काउंसिल आॅफ इंडिया (पीसीआई), डेंटल काउंसिल आॅफ इंडिया (डीसीआई), वास्तुकला परिषद (सीओए), राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), भारतीय नर्सिंग परिषद (आईएनसी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई), आयुष मंत्रालय, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए), राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक ) समेत राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की बैठक आयोजित हुई। यूजीसी एनईपी 2020 और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को लागू करने में वर्कशाप करवाएगा। गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए सभी प्रकार के शिक्षकों को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत यूजीसी का मालवीय मिशन सेंटर देशभर में प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। इस प्रशिक्षण को करने वाले शिक्षकों को भविष्य में प्रोन्नति में भी लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही एमबीबीएस, बीडीएस, बीआर्क, बीटेक, कृषि विज्ञान, बीएड, बीएससी नर्सिंग समेत सभी डिग्री कार्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा (इंडियन नॉलेज सिस्टम) के मॉड्यूल को पढ़ाई में शामिल किया जाएगा। सभी नियामक प्राधिकरण एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत छात्रों को आॅफलाइन के साथ आॅनलाइन, ओडीएल और हाइब्रिड मोड से पढ़ाई का मौका मिलेगा।