Wednesday, April 16, 2025
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किसानों को आधुनिक खेती के तौर तरीके भी सिखा रहा एनसीआरटीसी

-किसानों को दिया जा रहा प्रशिक्षण, महिलाएं भी बढ़ चढ़कर ले रही हिस्सा


मेरठ: एनसीआरटीसी गाजियाबाद और मेरठ जिलों में किसानों की क्षमता विकसित कर उन्हे भविष्य के लिए तैयार करने एवम आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की एक टीम के द्वारा इन क्षेत्रों के किसानों को आधुनिक कृषि के नए तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं। एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों में कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूसरा चरण है, जिसमें अब तक मेरठ के अंजौली सोहरका, कायस्थ गांवड़ी, मुजक्कीपुर शोपुरा और डिंडला गांवों में किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक कृषि तकनीकों में कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिला किसान भी बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी कर रही हैं।

इस प्रशिक्षण सत्र में आगामी तीन महीनों में मेहरौली, मोहिउद्दीनपुर, कलिंजरी, दिरमोली, जुर्रांपुर, सोलाना, पवनपुरी, वसुंधरा, बांदीपुर, शाहजहांपुर, किलोंदा, निवाड़ी, पतला, भजन-पटौला और मोदी बाग समेत 50 से अधिक गांवों के लगभग 1500 से अधिक किसानों के लिए एक शृंखला में 100 से ज्यादा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से इन सभी किसानों को कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ मिलेगा। ये सभी संबन्धित गाँव दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के नजदीक स्थित हैं। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के पहले चरण में गाजियाबाद और मेरठ जिले के भूडबराल, कादराबाद, नंगला मूसा, सारा और सिकरीखुर्द समेत 50 से अधिक गांवों के 1500 से ज्यादा किसानों को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इसके साथ ही एनसीआरटीसी किसानों को आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए दुहाई डिपो में मॉडर्न फार्मिंग डेमोंस्ट्रेशन सेंटर भी स्थापित कर रहा है । जिनमें हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर आधारित खेती की जानकारी प्रदान की जाएगी। इस नयी तकनीक की जानकारी किसानो से साझा करने का मकसद क्वालिटी आॅफ प्रोड्यूस को बेहतर करना तो है ही साथ ही सरकार की नीति के अंतर्गत किसानो की आय को बेहतर करना भी शामिल है। ये कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम एनसीआरटीसी के कॉपोर्रेट सोशल रिस्पोन्सिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कृषि वैज्ञानिक, हाइड्रोपोनिक्स जैसी आधुनिक कृषि तकनीक और संरक्षित कृषि कौशल के बारे में प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस दौरान किसानों को सिखाया जा रहा है कि हाइड्रोपोनिक्स और संरक्षित खेती के प्रशिक्षण से उनकी आय में किस प्रकार वृद्धि होगी।

जल्द ही नमो भारत मेरठ साउथ तक उपलब्ध होगी

दुहाई से आगे मेरठ साउथ स्टेशन तक अतिरिक्त 25 किमी के सेक्शन में नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन जारी है और जल्द ही इस खंड में भी नमो भारत ट्रेनें यात्रियों के लिए संचालित होंगी। इस खंड में ट्रेनें चलने के बाद साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक 42 किमी का सेक्शन यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा। दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ से मोदीपुरम तक जून 2025 तक सम्पूर्ण कॉरिडोर संचालित करने का लक्ष्य है।

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