उत्तराखंड से पानी की सप्लाई बंद होने के बाद गंगनहर में पानी नहीं मिलने से पैदा हो गई है समस्या
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। मई-जून की भीषण गर्मी में शहर की 2.50 लाख आबादी को 45 दिन तक गंगाजल नहीं मिलेगा। इसका पता लगने पर मेरठ नगर निगम के अधिकारियों के पसीने छूट गए।
गंगनहर स्थित भोले की झाल पर गंगाजल का 100 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है।
उत्तराखंड से पानी सप्लाई बंद होने पर दिल्ली-एनसीआर भी प्रभावित होगा। टिहरी में 1000 मेगावाट का प्लांट बन रहा है। इसमें बांध की डाउन स्ट्रीम में भागीरथी नदी समायोजित होगी। इसके चलते 15 मई से 30 जून तक पानी की आपूर्ति बंद की जाएगी।
अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने बताया कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश के मुख्य अभियंता की ओर से इस बारे में पत्र दिया गया है।
शहर में भोले की झाल से गंगाजल की आपूर्ति होती है। नगर निगम प्रयास कर रहा है कि लोगों को अवर जलाशयों, नलकूपों से पानी की सप्लाई और टैंकरों से गली-मोहल्लों में पानी की पूर्ति की जाए। इसके लिए नगर आयुक्त के कैंप कार्यालय पर बैठक हुई और कई जगह अवर जलाशयों से पानी की आपूर्ति की रणनीति बनाई गई।
वहीं, आज शाम को उत्तराखंड में पानी आपूर्ति बंद करने को लेकर बैठक होगी। इसमें डेढ़ महीने पानी आपूर्ति बंद होने पर अंतिम निर्णय होगा। नगर निगम में जलकल विभाग के अवर अभियंता पंकज कुमार ने बताया कि कई जगह पाइप लाइन न होने के चलते प्लांट से क्षमता से कम गंगाजल मिल पा रहा है। गंगाजल के चार केंद्र विकासपुरी, सर्किट हाउस, शर्मा स्मारक व घंटाघर स्थित टाउन हॉल हैं।