-ओबीसी के साथ दलित वोटरों के जमावड़े ने उड़ाई सपा की नींद।
ज्ञान प्रकाश, संपादक
मेरठ। लोकसभा चुनाव में मेरठ हापुड़ संसदीय सीट पर मुकाबला तेज हो गया है। शुरु में माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण गोविल को लोग बाहरी होने के कारण लोग उसको सपोर्ट नहीं करेंगे लेकिन इस सप्ताह संघ के मैदान में कूदने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आहवान से भाजपाइयों में जोश उमड़ा और धारावाहिक रामायण के राम के पक्ष में लोग सड़कों पर उतर पड़े।
भाजपा के लिये मेरठ की सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। इंडिया गठबंधन से खड़े सपा प्रत्यायी सुनीता वर्मा के पक्ष में मुस्लिम और यादव वोट को लेकर चुनावी हवा बनाई जा रही थी वहीं भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल को बाहरी बताकर भाजपा के अंदर फूट डालने की कथित कोशिशें दो सप्ताह से चल रही थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ और मुजफ्फरनगर के प्रत्याशियों के पक्ष में चार बार मेरठ आए और लोगों को एकजुट होकर वोट डालने की अपील करके गए थे। मुजफ्फरनगर सीट पर प्रत्याशी संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच चल रहे शीत युद्ध और उससे पार्टी को होने वाले नुकसान की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद मोर्चा संभाला और पार्टी के कोर वोट बैंक सवर्ण, ओबीसी और दलित वोटरों के एक हिस्से को अपने पक्ष में करने के लिये क्रांतिधरा में अपने कार्यक्रम ज्यादा लगवाए। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कृषि विवि, रार्धना, सिसौली का दौरा करके गए थे।
मंगलवार को हनुमान जयंती के मौके पर एक ओर जहां बसपा सुप्रीमो ने अलीपुर में हुई अपनी रैली में दलितों और मुस्लिमों को एकत्र करके समाजवादी पार्टी की नींद उड़ा दी वहीं शाम के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रहमपुरी और देहलीगेट थाना क्षेत्र के मौहल्लों में रोड शो करके विपक्षियों के लिये चुनौती खड़ी कर दी है। घंटाघर, वैलीबाजार, कबाड़ी बाजार, शारदा रोड, लाला का बाजार आदि क्षेत्रों में उमड़ा जनसैलाब भाजपाइयों में ऊर्जा भर गया। वेस्ट यूपी के दूसरे चरण के चुनाव में मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और बागपत में चुनाव होने हैं। ऐेसे में भाजपा ने अपनी सारी ताकत इस बैल्ट में लगा दी है। जिस तरह से आज हर्रा क्षेत्र में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का दौरा स्थगित हुआ उससे भी गलत संदेश गया है।