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Thursday, November 13, 2025
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हिंदुस्तान में मुसलमान किराएदार नहीं, साझेदार हैं, जुल्म न हो: कारी शफीकुर्रहमान

- ईदगाह पर तकरीर करते हुए शफीकुर्रहमान ने कहा कि सभी एकजुट होकर ऐसी पार्टी के पक्ष में वोट करें जिससे तमाम अवाम के हित में सोचने वाले की हुकुमत बने

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शारदा रिपोर्टर

मेरठ। ईद उल फितर के अवसर पर शाही ईदगाह में हजारों लोगों ने ईद की नमाज पढ़ी इस दौरान सभी ने देश में अमन और भाईचारे के लिए दुआएं की। इस दौरान तकरीर करते हुए कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलमान किराएदार नहीं है, बल्कि साझेदार हैं। हमारे देश में पिछले 10 वर्ष से ऐसा माहौल बना हुआ है, जिसे आपसी भाईचारा कटता चला जा रहा है, जबकि हमारा देश हिंदू मुस्लिम के भाईचारे के नाम से जाना जाता था। अब इस समय मुसलमान के साथ ज्यादती हो रही है। जो मुल्क में चल रहा है, वह ठीक नहीं है।

 

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में हिंदू हमारा बड़ा भाई है। यानी मुसलमान छोटे भाई के रूप में है। हमें एक दूसरे के सम्मान में खड़े रहना चाहिए। उन्होंने तकरीर करते हुए मुसलमान को भी सुधारने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ईमान का रिश्ता कयामत में भी साथ रहेगा। ईमान वाला एक दूसरे की सिफारिश बनेगा। उन्होंने कहा कि ईमान को मजबूती से पकड़ लो।

 

कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि सभी मुसलमानों को एकजुट होकर किसी एक को लोकसभा चुनाव में अपना वोट करना चाहिए, ताकि तमाम आवाम के हित में सोचने वाली देश में हुकूमत बने। फिलीस्तीन में मुसलमान के साथ अन्याय हो रहा है जब के दूसरे देश अन्याय करने वाले देशों के साथ खड़े हैं और फलस्तीन के मुसलमान के साथ नहीं खड़े हैं। इसलिए मुसलमान हूं एक दूसरे की मदद के लिए खड़े हो जाइए।

 

उन्होंने कहा कि जिस पैसे को आप मेहनत से कमा रहे हैं, उसको बिना वजह खर्च मत करिए। इस पैसे की जरूरत कभी भी पड़ सकती है।

 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं कि मुसलमान ने अपनी कौम को केवल मुसलमान दुकानदारों से ही सामान खरीदने के लिए कहा है, जबकि ऐसा नहीं है। ये कुछ लोग दुष्ट विचार कर रहे हैं। हिंदुस्तान का भाईचारा तोड़ने का भले ही प्रयास किया जा रहा हो लेकिन यह टूटने वाला नहीं है।

 

उन्होंने शब-ए-बारात के दिन छोड़ी जाने वाली आतिशबाजी और पतंगबाजी करने वालों को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है। शहर काजी जेनुश साजिदीन ने ईद की नमाज अदा कराई। उन्होंने सभी को इंसानियत के दायरे में रहने की सलाह दी।

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