– गन्ना विभाग के कर्मियों ने किया प्रदर्शन, किसानों ने कहा शांति से लड़ रहे हक की लड़ाई।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। गन्ना भवन में चल रहे भाकियू टिकैत के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना सोमवार से जारी है। इस दौरान कई बार अधिकारियों से वार्ता हुई लेकिन हर बार वह विफल ही हुई। इसके बाद गन्ना विभाग के कर्मचारी भी किसानों के विरोध में काली पट्टी बांधकर और नारे लगाकर किसानों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम अपने अधिकारियों का अपमान नहीं सहेंगे।
दौराला गन्ना समिति के कर्मचारियों का कहना है कि किसानों ने वार्ता के दौरान उनके सचिव और उप गन्ना आयुक्त के लिए अप शब्दों का इस्तेमाल किया है। किसानों द्वारा उनके दफ्तर भी नहीं खोलने दिए जा रहे हैं इसलिए हम भी उनकी तरह ही प्रदर्शन कर रहे हैं।

भाकियू टिकैत के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि सोमवार से हमारा धरना शांतिप्रिय तरीके से चल रहा है। हमने अधिकारियों को दफ्तर में आने से रोका नहीं है। हम तो चाहते हैं कि वे यहां आएं और हमारी समस्या सुनें और उनका समाधान करेंं। हमारे किसी भी किसान ने अधिकारी को कोई गलत शब्द नहीं बोला है।
धरने में मौजूद किसानों का कहना है कि गन्ना विभाग के अधिकारी कमिशन खोर हैं। अब किसानों को उनके इस खेल का पता चल गया है इसलिए वे उल्टा अब हमे ही बदनाम कर रहे हैं। अधिकारी अपनी कमिशन के चक्कर में हजारों किसानों के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं। हम हार नहीं मानेंगे और अपने हक के लिए आंदोलन जारी रखेंगे।
छठे दिन भी जारी रहा किसानों का धरना प्रदर्शन: मेरठ। पांडव नगर स्थित गन्ना भवन पर चल रहा भाकियू का धरना शनिवार छठे दिन भी जारी रहा। मांगें नहीं माने जाने से नाराज किसानों ने गन्ना भवन पर खूब हुक्का गुड़गुड़ाया और आग जलाकर ठंड से बचाव किया।
इस दौरान किसान इंद्रपाल मलिक ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आत्मदाह कर लेंगे। गन्ना भवन पर चल रहे धरने में किसानों ने शहीदों को याद किया। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने 21 दिसंबर को गन्ना भवन पर पंचायत का ऐलान करते हुए कहा मांगें नहीं मानी गईं तो 21 दिसंबर को किसान पंचायत होगी।
इस मौके पर मेजर चिंदौड़ी, हर्ष चहल, हापुड़ जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा, अनूप यादव, डीके, राहुल चौधरी, विजित चौधरी, मोनू, बबलू, देशपाल, विनोद, वीरेंद्र, कृष्णपाल, धीरज राठी, रामकुमार चेयरमैन, हरेंद्र, रविन्द्र, प्रिंस, मनोज, विनय, विपुल, मोहित, निखिल, रामपाल, सुरेश आदि रहे।
किसानों की मांग करते हुए कहा कि, गन्ना ढुलाई भाड़ा घटाने और गन्ना तौल भाड़ा बढ़ाया जाए -रिजेक्ट गन्ना प्रजाति के रेट बढ़ाए जाएं -क्रय केंद्रों की दूरी सीधी कराने -बाहरी राज्यों में स्वीकृत प्रजाति को भी स्वीकृत कराने -रियल टाइम खतौनी में गड़बड़ सही कराने में पटवारी का भ्रष्टाचार खत्म हो।


