- जिले में रोजाना बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज आ रहे सामने।
- मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल को ही इलाज की जरूरत।
शारदा न्यूज, मेरठ। बीते पंद्रह दिनों के भीतर पूरे जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। रोजाना 20 से 25 डेंगू के मरीज सामने आ रहें है। डेंगू से निपटने के लिए प्रशासन ने जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में अलग से डेंगू वार्ड बनाए है। इन वार्डो में डेंगू के मरीजों को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के दावे भी किये गए है। लेकिन डेंगू फैलने की मुख्य वजह को लेकर यहां लापरवाही बरती जा रही है।
जिला अस्पताल व मेडिकल में कई जगह गंदगी का अंबार लगा है। यहां तक कि मेडिकल इमरजेंसी के सामने कई दिनों से भारी जलभराव है जिसमें मच्छर पनप रहे है और डेंगू व वायरल जैसी बीमारियां पैदा कर रहे हैं।
– एडीज नाम की मादा मच्छर से फैलता है डेंगू
मेडिकल व जिला अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाए गए है। इन वार्डो में डेंगू के मरीजों को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन जिला अस्पताल व मेडिकल में साफ-सफाई को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। जिला अस्पताल परिसार में ही कई जगह गंदगी का अंबार लगा है। जबकि मेडिकल की इमरजेंसी के बाहर ही कई दिनों से गंदा पानी जमा है। बताते चले कि डेंगू एडीज नाम की मादा मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज मच्छर का लार्वा साफ पानी में पैदा होता है और यह एक से दो दिनों में पूरी तरह आकार लेकर वातावरण में घूमने लगता है। यह मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहता है और इंसानों को आसानी से शिकार बनाता है।
– बुखार के रोजाना 400 मरीज आ रहे सामने
जिली अस्पताल व मेडिकल में रोजाना बुखार से ग्रसित मरीजों का आंकड़ा लगभग 400 के आसपास है। इनमें से कितने मरीजों को डेंगू या वायरल है इसका पता जांच के बाद ही चलता है। ऐसे में सुबह से ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लंबी कतार लग जाती है। जबकि मरीजों के साथ उनके तीमारदार भी रहते है। इन मरीजों में ज्यादातर संख्या महिलाओं की रहती है जिनके साथ उनके बच्चे भी अस्पताल परिसर में आते है। लेकिन अस्पतलों में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने से संचारी रोगों के फैलने का खतरा लगातार बना है।
“मेडिकल इमरजेंसी के बाहर जमा हो रहे पानी की मुख्य वजह वहां बनी प्याऊ है। दिनभर आम जनता पानी लेने आती है साथ ही पॉलीथिन आदि भी वहीं डाल दिया जाता है। इसी वजह से सीवर लाइन चौक हो जाती है जिससे यह समस्या पैदा हो रही है। जल्द ही इसका स्थाई समाधान कराया जाएगा।” – डा. वीडी पांडेय, मीडिया प्रभारी, मेडिकल।