– ग्राम जई के एक दबंग ने सरकारी जमीन पर पर किया हुआ कब्जा
– तहसीलदार के आदेश के बाद भी जमीन नहीं हुई कब्जामुक्त
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। ग्राम जई में सरकारी खाद के गड्ढे और कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। तहसीलदार के आदेश के बाद भी जमीन कब्जा मुक्त न होने पर शुक्रवार को ग्रामीण क्षेत्र पंचायत सदस्य इरशाद के नेतृत्व में डीएम दीपक मीणा से मिले और जमीन कब्जा मुक्त कराने के साथ ही आरोपी भूमाफिया की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की।
डीएम को शिकायती पत्र में बताया कि भूमि खसरा नम्बर 526 रकबा 1.1670 है0 खाद के गड्ढे व खसरा नम्बर 527 रकबा 0.1520 है0 कब्रिस्तान में से रकबा 201.60 वर्गमीटर पर आबादी जैसाब अली पुत्र नूर मौहम्मद उर्फ नोला निवासी ग्राम जई तहसील मवाना ने अवैधानिक रूप से कब्जा कर निर्माण कर रखा है। जिसके संबंध में एक वाद ग्राम सभा बनाम जैसाब अली न्यायालय तहसीलदार मवाना के न्यायालय में चला, जिसमें तहसीलदार मवाना ने 31 जनवरी को आदेश करते हुए उक्त भूमि से जैबास अली को बेदखल करने और उससे 18,72.000 रुपये की वसूली के आदेश पारित किये है। लेकिन तहसीलदार के आदेश के बावजूद भी जैसाब उपरोक्त कब्रिस्तान की भूमि को छोड़ने के लिए तैयार नही है तथा उपरोक्त भूमि पर अवैधानिक रूप से कब्जा कर रखा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जैसाब एक मुठमर्द, झगडालू किस्म का व्यक्ति है तथा राजनीतिक पहुंच होने के कारण ही उसने उपरोक्त सरकारी भूमि पर करीब 16 वर्ष तक कब्जा कर रखा है। यही नहीं जैबास अली द्वारा कई अन्य सरकारी तथा अन्य कमजोर व्यक्तियों की जमीन कब्जा रखी है। यदि उनके विरूद्ध कोई कमजोर आदमी आवाज उठाता है, तो वह मेरठ के एक डेटिंस्ट डॉक्टर एक नर्सिंगहोम का मालिक भी है, उसस्से साज करके लोगो की फर्जी डाक्टरी बनाता है। जिसका फायदा जैबास अली कमजोर व्यक्ति पर दबाव बनाने के लिए उठाता है। जिस कारण कोई भी गरीब व्यक्ति उक्त व्यक्ति के विरूद्ध अपनी शिकायत नही करता है और अपनी जमीन ही छोड बैठता है।
इसलिए न्यायहित में तहसीलदार मवाना के आदेश का अनुपालन व जैबास अली की अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति की जांच कराई जाए।