- अभी लखनऊ तक ही जाती थी।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। गणेश चतुर्थी के पर्व पर हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए यात्रियों के साथ आज पहली बार वाराणसी के लिए वंदे भारत ट्रेन मेरठ से रवाना हुई। यात्री करने वालों में अधिकतर लोग काशी विश्वनाथ और आयोध्या धाम जैसे तीर्थ स्थल पर जाने वाले थे। इसी के साथ यह ट्रेन देश की दूसरी सबसे लंबी दूरी तय करने वाली वंदे भारत बन गई है। अयोध्या में भी ट्रेन का स्टॉपेज है। अभी तक यह ट्रेन सिर्फ लखनऊ तक जाती थी। इस दौरान जन प्रतिनिधि और राज्यसभा सदस्य भी यात्रियों को इसके पहले सफर की बधाई और उनका अनुभव जानने पहुंचे।
स्टेशन पर पहुंचे राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि अगर यह ट्रेन अब भी घाटे में जाती है तो बीच में इसके कुछ स्टॉपेज भी बढ़ाए जाएंगे । क्योंकि यह संभव नहीं है कि कोई सरकार नुकसान में रहकर ट्रेन का संचालन करे ।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं इसमें आज यात्रा करने नहीं बल्कि आज पहली बार वाराणसी और अयोध्या धाम जाने वाले यात्रियों से उनके अनुभव जानने आया हूं। मैं पहला व्यक्ति था जिसने यह मांग उठाई थी कि मेरठ से वाराणसी को सीधे रूप से जोड़ा जाए। इस वंदे भारत ट्रेन में चेयर कार में 440 और एग्जीक्यूटिव श्रेणी में 52 सीटें हैं।
जिला कारागार में तैनात आरके दूबे ने बताया कि मूल रूप से बनारस का रहने वाला हू आज अपनी माता जी को इस ट्रेन से भेज रहा हूं। पहले जब यह घर जाती थी तो गाजियाबाद या दिल्ली से इन्हें वाराणसी के लिए ट्रेन मिलती थी अब यहीं से जा सकती हैं।
वाराणसी तक जाने के बाद यह ट्रेन अब लगभग 11 घंटे 50 मिनट में 783 किमी की दूरी तय करेगी। 27 अगस्त को सुबह 9.10 बजे ट्रेन वाराणसी के कैंट स्टेशन से मेरठ के लिए रवाना होगी। इसी क्रम में सुबह 6.35 पर मेरठ से वाराणसी के लिए पहली वंदे भारत रवाना हुई।
मेरठ जंक्शन से चलकर यह ट्रेन अन्य 5 स्टेशन पर बीच में रुक अपने आखिरी स्टेशन वाराणसी तक पहुंचेगी। इसी क्रम में वाराणसी से चलकर बीच में पांच स्टेशन रुक कर मेरठ जंक्शन पहुंचेगी। जिन स्टेशनों पर रुकेगी, उनमें मेरठ, हापुड़, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी हैं।
पहले दिन 277 रिजर्वेशन
मेरठ से वाराणसी जाने वाली पहली वंदे भारत में 277 लोगो ने अपने टिकट बुक कराए। हालांकि यह संख्या कम है अधिकतर ट्रेन खाली दिखाई दी। लक्ष्मीकांत वाजपेई का कहना है जल्द ही यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।