Monday, July 7, 2025
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वक्फ संशोधन को लेकर बैठक में जमकर हंगामा

एक दिन के लिए निलंबित किए गए सांसद


बैठक 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टालने की मांग
एजेंसी नई दिल्ली: वक्फ बिल पर आज जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में खूब हंगामा देखने को मिला । दरअसल जेपीसी की बैठक में दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जिसके बाद एक दिन के लिए विपक्ष के कई सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन सांसदों ने टीएमसी के कल्याण बनर्जी, टीएमसी के नदीम उल हक, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोबीबुल्लाह, कांग्रेस के नासिर हुसैन, कांग्रेस के इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, शिवसेना यूबीटी के अरविंद सावंत, डीएमके के ए राजा और अब्दुल्ला को शामिल हैं।

बता दें कि इन सांसदों को समिति से नहीं बल्कि केवल आज की बैठक से निलंबित किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली है। मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया।

विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है। बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही तमाशा’ बन गई है। उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए।

बीजेपी सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। समिति के समक्ष पेश होने से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो मुसलमानों को महसूस कराए कि उन्हें शक्तिहीन किया जा रहा है।

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