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यूपी बोर्ड : टॉपर भी बन सकेंगे दिव्यांग परीक्षार्थियों के सहायक

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यूपी बोर्ड

मेरठ: अब टॉपर भी दिव्यांग परीक्षार्थियों के सहायक बन सकेंगे। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं। सामान्य परीक्षार्थियों के साथ-साथ दिव्यांग भी परीक्षा में शामिल होते हैं। बोर्ड ने दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए चले आ रहे परीक्षा के नियमों में संशोधन किया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने आदेश जारी कर दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों को सहायक के रूप में मिलने वाले श्रुति लेखक की योग्यता में परिवर्तन करते हुए, दिव्यांगों को बड़ी राहत दी है।

 

खबर फटाफट : 21 Feb 2024 News Bulletin || SHARDA EXPRESS

 

साल 2001 में परिषद ने दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को सुविधा देते हुए आदेश पारित किया था कि कक्षा 10 और कक्षा 12 के परीक्षार्थियों को श्रुति लेखक की सहायता दी जाएगी। इस आदेश के तहत नियम बनाया गया था कि श्रुति लेखक (सुनकर लिखने वाला) सहायता लेने वाले विद्यार्थी से एक कक्षा पीछे का हो और उसने अपनी कक्षा में अधिकतम 45 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों। अब इस अंकों के प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अयोध्या स्थित दृष्टि बाधित, दिव्यांग समिति के राष्ट्रीय महासचिव विवेकमणि त्रिपाठी ने बताया कि हमारी समिति पिछले 10 वर्षों से इसके लिए संघर्ष कर रही थी। अब आकर हमें सफलता मिली है। बता दें, प्रदेश में हर साल लगभग आठ हजार दृष्टिबाधित परीक्षार्थी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होते हैं।

 

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने इन नियमों में ढील देते हुए श्रुति लेखक के अधिकतम 45 प्रतिशत अंक होने के नियम को बदल दिया है। 16 फरवरी को बोर्ड की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अब अपनी कक्षा में अधिकतम अंक पाने वाला भी दृष्टि बाधित परीक्षार्थी की श्रुति लेखक के रूप में सहायता कर सकता है। हालांकि, श्रुति लेखक जिसकी मदद कर रहा है, उससे एक कक्षा पीछे का विद्यार्थी होगा इस नियम को बरकरार रखा गया है। सचिव ने इस नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए प्रदेश के सभी विद्यालय निरीक्षकों को आदेश दिया है। जिससे समय रहते दिव्यांग परीक्षार्थी अपने लिए श्रुति लेखक का नाम केंद्रों को दे सकें।

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