शारदा रिपोर्टर मेरठ। सीएनजी गाड़ियों का संचालन बंद हो जाने के कारण बेरोजगार कार्मिकों को पूर्व से यूपीएसआरटीसी में जमा प्रतिभूति राशि पर समायोजित करने या लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट की भांति इलेक्ट्रिक बसों में समायोजित किया जाने को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के दर्जनों सदस्य गुरुवार को कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए समस्या के समाधान की मांग की।
ज्ञापन सौंप रहे सदस्यों ने बताया कि मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, मेरठ में 15 वर्षों से समस्त कार्मिक (संविदा चालक/परिचालक तथा लिपिक वर्ग) निरंतर पूर्ण मनोयोग के साथ प्रत्येक परिस्थितियों में अपने काम को अंजाम देते रहे हैं। वर्तमान समय में सीएनजी गाडियों की आयु 15 वर्ष पूर्ण हो जाने के कारण समस्त कार्मिक बेराजगार हो गये है। इस कारण प्रत्येक हर कार्मिक अपने परिवार का पालन, भरण-पोषण हेतु, आर्थिक, शारीरिक, मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान है।
पूर्व में भी संगठन ने विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं से कई बार प्रबंधन को अवगत कराया है। परंतु प्रबंधन ने कभी भी इनकी समस्याओं को लेकर संगठन से ना वार्ता की और ना ही समस्याएं निस्तारित की है। जबकि लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, लखनऊ में पूर्व से कार्यरत संविदा परिचालकों से ही पीएमआई गाड़ियों का संचालन शुरू कराया गया है। ऐसे में एक ही विभाग में दो नीतियां क्यों प्रभावी हो रही हैं।