Home उत्तर प्रदेश Lucknow kisan andolan: पांच घंटे किसानों के कब्जे में मेरठ के दो हाईवे

kisan andolan: पांच घंटे किसानों के कब्जे में मेरठ के दो हाईवे

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– एमएसपी के समर्थन में पश्चिमी यूपी के किसानों ने डाला सभी हाईवे पर डेरा।
– ट्रेक्टर परेड के नाम पर हाईवे पर कई जगह लगाया जाम, तो कई जगह एक लेन रही पूरी तरह बंद।


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। एमएसपी के समर्थन में पश्चिमी यूपी के किसान भी सोमवार को सड़कों पर उतर आए। मेरठ-मुजफ्फरनगर समेत कई स्थानों पर किसानों ने ट्रैक्टर ट्राली हाईवे पर लगा कर नेशनल हाईवे बंद कर दिया। सुबह 11बजे से हाईवे बंद कर दिया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आग्रह के बाद आक्रोशित किसानों ने हाईवे की एक लेने से जाम खोल दिया। हाईवे जाम होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस प्रशासन ने हाईवे से जाने वाले लोगों को किसी दूसरे मार्ग से डायवर्जन नहीं किया।

 

 

सबसे पहले कंकरखेड़ा स्थित की जिटोली कट पर किसानों ने जाम लगाया। यहां किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर पहुंचे और हाईवे की दोनों लाइन बंद करा दी। इसके बाद मोहिद्दीनपुर चीनी मिल के सामने किसानों ने हाइवे पर जाम लगा दिया। दिल्ली से हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को इस दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने एनएच-58 दिल्ली देहरादून हाइवे पर ट्रैक्टरों की कतार बनानी शुरू कर दी है। हाइवे की बायीं लाइन बंद करते हुए पंजाब में आंदोलित किसानों को समर्थन और एमएसपी आदि की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।

किसानों के हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च की को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया हैं। किसी तरह का बवाल नहीं हो इसको लेकर भी हाइवे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है । हाइवे जाम होने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने नेतृत्व में पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों में आज हाईवे पर ट्रैक्टर श्रृंखला बनाई जा रही है। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि शांतिपूर्ण तरीके से किसान ट्रैक्टर लेकर खड़ें होंगे। एक तरफ से वाहन चलते रहेंगे। किसान सुबह 11 बजे हाईवे पर पहुंचेंगे और शाम चार बजे तक वापस चले जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, किसानों ने हाईवे को जाम कर दिया। हालांकि पुलिस प्रशासन के काफी कहने के बाद किसान एक लेन खोलने को राजी हुए, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सुबह लगता जाम तो हालात होते और बुरे

हाईवे पर यदि किसान सुबह आठ बजे ही पहुंच जाते तो हालात बहुत खराब होते। क्योंकि कल रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में सोमवार सुबह लोग अपनी ड्यूटी के लिए हाईवे से हरिद्वार और दिल्ली की तरफ रवाना होते हैं। इन लोगों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ती। लेकिन किसान 11 बजे के बाद हाईवे पर पहुंचे, तब तक वाहनों का एक बड़ा हिस्सा हाईवे से गुजर चुका था।

 

 

कंकरखेड़ा में हुई नोंकझोंक

कंकरखेड़ा में नेशनल हाईवे- 58 पर भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकतार्ओं ने एमएसपी की मांग को लेकर जाम लगा दिया। इस दौरान किसानों ने ट्रैक्टर लगाकर हाईवे को बंद कर दिया। किसानों द्वारा हाईवे पर कब्जे के दौरान भीषण जाम की स्थिति बन गई। जाम के दौरान जिलाध्यक्ष व सीओ दौराला के बीच नोकझोंक भी हो गई।

मेरठ में जहां कई किसानों नेताओं पर पुलिस की पैनी नजर है, तो वहीं पुलिस ने हाईवे पर ट्रैफिक व्यवस्था बनाने को लेकर किसान कार्यकतार्ओं से बातचीत कर यातायात को बाधित न करने की अपील की।

 

 

मेरठ में ट्रैक्टर परेड को लेकर हाईवे से गुजरने वाले वाहनों ने शहर का रुख किया, तो शहर के भीतर भी जाम की समस्या और दिनों से ज्यादा भयंकर हो गई। पुलिस व्यवस्था बनाने में जुटी रही, लेकिन लोगों को राहत नहीं मिली। परतापुर में किसान न सिर्फ ट्रैक्टर लेकर हाईवे पर पहुंचे, बल्कि पारंपरिक बैलगाड़ी लेकर भी पहुंचे। यह खास बैलगाड़ी आकर्षण का केंद्र बनी रही।

 

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