आंदोलन पर बैठे अतुल ने क्यों हटाया सपा का झंडा?

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– छह दिन से कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे अतुल प्रधान ने हटाया सपा का चिन्ह
– कहीं पार्टी आलाकमान ने तो नहीं भेजा संदेश, चर्चा का बाजार गर्म


प्रेमशंकर, मेरठ। पिछले छह दिनों से न्यूटिमा अस्पताल के खिलाफ आंदोलन कर रहे सरधना विधायक का भाकियू अध्यक्ष चौ. राकेश टिकैत ने भी समर्थन किया है। उन्होंने धरना स्थल पर जाकर भरी सभा में कहा कि अतुल का यह आंदोलन सच्चाई के लिए है और भारतीय किसान यूनियन उनके साथ है। लेकिन टिकैत का एक वाक्य यहां चर्चा का विषय बन गया। जैसे ही उन्होंने कहा कि अतुल अपने आंदोलन को पार्टी से दूर रखकर अच्छा काम कर रहें है तो इसको सुनते ही सभा में मौजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। लेकिन टिकैत के मुरादाबाद जाते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि आखिर अतुल ने पार्टी का निशान क्यों छोड़ा है।

 

विधायक अतुल प्रधान की प्रेस वार्ता | Video || sharda news

 

– पार्टी का झंडा हटाने पर शुरू हुई सुगबुहाट

अतुल प्रधान समाजवादी पार्टी से सरधना विधायक बने है यह सबको पता है। इस आंदोलन के शुरूआती दिनों में उन्होंने अपनी पार्टी के निशान और झंडे का भी इस्तेताल किया था। यहां तक की पार्टी चिन्हों से तैयार रथ भी बनवाया गया था लेकिन बाद में प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने पर रथ को सड़क से हटा दिया गया। जबकि उनके धरना स्थल पर भी अब समाजवादी पार्टी का कोई चिन्ह मौजूद नहीं है ऐसा क्यों?

 

– तो अखिलेश ने मना किया पार्टी का सिंबल इस्तेमाल करने के लिए?

ऐसा कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं होगा जो मौजूदा समय में आम जनता के द्वारा चुने जाने के बाद किसी भी आंदोलन के लिए अपनी पार्टी के निशान का प्रयोग न करे। फिर अतुल प्रधान ऐसा क्यों कर रहें है, क्या पार्टी आलाकमान से कोई संदेश आया है कि वह पार्टी के चिन्हों का प्रयोग न करे या भाजपा नहीं चाहती कि इस आंदोलन में सपा का प्रचार हो यह बड़ा सवाल है।

 

फिलहाल अतुल प्रधान का आंदोलन जारी है और वह इसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे है। लेकिन उनके द्वारा पार्टी के सिंबल का आंदोलन में प्रयोग नहीं करना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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