चीन में एक बार फिर कांपी धरती, अबतक करीब 111 लोगों की गई जान

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China Earthquake: चीन के ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 6.2 तीव्रता के भूकंप ने गांसु और किंघई प्रांतों में कम से कम 111 लोगों की जान ले ली है।

 

 

भारत के पड़ोसी मुल्क चीन में सोमवार को गांसु प्रांत के प्रमुख शहरों जैसे शीआन और चेंगदू में 6.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप में कम से कम 111 लोगों की मौत हो गई। इस भूकंप ने अपने पीछे बर्बादी के निशान छोड़ दिए। भूकंप की वजह से इमारत के मलबे में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए आपातकालीन टीमों का समूह भूकंप प्रभावित इलाकों में पहुंचा और राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया।

 

 

गांसु प्रांत के जिशिशान काउंटी में 6.2 तीव्रता का भूकंप आने के बाद, गांसु स्वास्थ्य विभाग ने 33 एम्बुलेंस और अन्य पेशेवर वाहनों के साथ-साथ 173 चिकित्सा कर्मचारियों को घटनास्थल पर भेजा। किंघई प्रांत ने घटनास्थल पर बचाव अभियान चलाने के लिए 68 एम्बुलेंस और 40 से अधिक प्रांतीय और नगरपालिका विशेषज्ञों को भी भेजा। मंगलवार सुबह 6:30 बजे तक प्रभावित इलाके में 300 से ज्यादा घायलों का इलाज किया जा चुका था। चीन के ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने तत्काल चिकित्सा आपातकालीन प्रतिक्रिया अधिकारियों और गंभीर देखभाल, आर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी और सामान्य सर्जरी में विशेषज्ञता वाले राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को गांसु भेजा।

 

– पढ़िए क्यों आता है भूकंप? 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है… जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एक दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।

बता दें रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं…अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।

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