रैपिड का चल रहा काम, पचास हजार जनता परेशान

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– पीने का पानी भी नहीं, बोतल का पानी खरीद रही जनता
– गंदा पानी सड़कों व नालों में जमा, बीमारियां फैलने की बढ़ी आशंका


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। मेरठ वासियों को प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रैपिड रेल की जल्द ही सौगात मिलने वाली है। कयास लगाए जा रहे है कि इसी माह दस तारीख को पीएम नमो: भारत रैपिड रेल को दुहाई से मोदीनगर और उसके बाद मेरठ के शताब्दीनगर स्टेशन तक चलाने की तारीख की घोषणा कर सकते है। लेकिन पिछले छह माह से रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर आईआरसीटीसी द्वारा किए जा रहे कार्य से मेरठ की करीब पचास हजार की आबादी को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बेगमपुल और उसके आसपास के इलाकों में इन दिनों रैपिड रेल का कार्य तेज गति चल रहा है। जीरो माइल स्टोन चौराहे पर रैपिड के अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माणकार्य अपने अंतिम चरण में है। लेकिन इलाके के आसपास रहने वाली आम जनता को निमार्णकार्य के चलते खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। आफताब की कोठी, एसडी लालकुर्ती के पीछे का इलाका, जामुन मोहल्ला, मैदा मोहल्ला, फव्वारा चौक आदि इलाकों में जगह-जगह नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। यहां तक की गंदे पानी की निकासी नहीं होने की वजह से पानी घरों के आसपास भी जमा हो रहा है। इसके साथ ही जलनिकासी के लिए बनाए गए नालों में भी गंदा पानी लंबे समय से भरा है। आसपास के लोगो का कहना है कि गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध की वजह से सांस लेना भी दुश्वार हो रहा है। रैपिड रेल प्रोजेक्ट की वजह से कई जगह पीने के पानी की पाइप लाइन टूट चुकी है। जिससे आम जनता को साफ पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है।

बीमारियां फैलने का अंदेशा

बेगमपुल के आसपास रहने वाले लोगो ने क्षेत्र की बदहाली के लिए रैपिड रेल का निमार्ण करने वाली कंपनी को दोष दिया। उनका कहना है कि निर्माणकार्या आरंभ तो कर दिया गया लेकिन इससे आम जनता को होने वाली परेशानी को नजर अंदाज किया गया। इस समय क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। नाले-नालियां चोक है, जल निकासी नहीं हो रही है। इसी वजह से क्षेत्र में बीमारियां फैलने का अंदेशा है। कई घरों में बुखार के मरीज है जिसकी वजह क्षेत्र में पनप रहें मच्छर बताए जा रहे है।

पीने के पानी की भी किल्लत

इस समय पुराने सरधना अड्डा इलाके में रहने वाली जनता को साफ पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है रैपिड रेल कार्य की वजह से कई जगह पीने के पानी की पाइप लाइने टूट चुकी है। इस वजह से क्षेत्र में पानी की किल्लत हो गई है। पीने के पानी की कमी को पूरा करने के लिए बोतलों का पानी खरीदना पड़ रहा है। यह हाल तो तब है जब अभी गर्मियों का मौसम नहीं आया है। और एक माह के बाद जब गर्मियां आ जाएंगी तो किस तरह पानी की कमी से निपटा जाएगा यह बड़ा सवाल है।

 

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