मेरठ। बीते तीन वर्षो से शहर की सड़कों पर पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों को संख्या बढ़ती जा रही है। बीते डेढ़ साल में ही अब तक चार हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन आरटीओ विभाग में रजिस्टर्ड हुए हैं। इसका असर आने वाले दिनों में प्रदूषण की कमी में देखने को मिलेगा। सरकार ने जनता को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख करने के लिए प्रारंभ में सब्सिडी भी दी। इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में इजाफा हुआ है। दो पहिया वाहन और ई-रिक्शा की अधिक खरीद की जा रही है।
जिले में शहर से देहात तक इलेक्ट्रिक स्कूटी, बाइक और कारों की बिक्री हो रही है। दिसंबर और जनवरी में इलेक्ट्रिक वाहनों का अच्छा कारोबार बताया जा रहा है। शहर में कुछ स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन भी खोले जा चुके हैं। स्कूटी और बाइक को लोग अपने घरों में ही चार्ज कर रहे हैं। शीघ्र ही मुख्य मार्ग जैसे हाईवे पर रजिस्टर्ड चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। संभागीय परिवहन के रिकार्ड के अनुसार 14 अक्तूबर 2022 से लेकर अब तक 4000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। जबकि आॅटोमोबाइल शोरूम से वाहन बिक्री की संख्या लगभग सात हजार पहुंच गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की इतनी बड़ी संख्या में अभी तक चौपहिया वाहन यानी रजिस्टर्ड कारों की संख्या 208 ही है। इलेक्ट्रिक कारों की संख्या की कमी के पीछे रजिस्टर्ड चार्जिंग स्टेशन न होना बताया जा रहा है। एक दिसंबर से छह जनवरी तक 280 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें 96 स्कूटी, 16 कार और बाकी ई-रिक्शा आदि वाहन हैं। सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण सुधार के लिए डीजल वाहनों की उम्र 10 साल और पेट्रोल चालित वाहनों की उम्र 15 साल निर्धारित की हुई है। जनता को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख करने की सलाह दी जा रही है। दो पहिया से लेकर चौपहिया तक हल्के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उपलब्ध हैं।