किसान आंदोलन: पुलिस बैरिकेड के पास आ रहे आंदोलनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बुधवार को फिर पुलिस और किसान आमने-सामने हैं। किसान दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है। यहां जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से बातचीत की अपील की है। मुंडा ने कहा, ”मैं किसान संगठन से निवेदन करता हूं कि उन्हें बातचीत करनी चाहिए।
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शंभू बॉर्डर पर मंगलवार को भी काफी तनाव रहा था, जब किसानों ने दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश की और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने कहा कि किसानों ने पत्थरबाजी भी की।
इस बीच किसान नेता ने दावा किया है कि पुलिस कार्रवाई में मंगलवार को 130 किसान घायल हुए हैं। वहीं मेडिकल अधिकारी का दावा है कि सात घायल जवान अस्पताल पहुंचे हैं।
किसान नेता का दावा
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमारा दिल्ली कूच का कार्यक्रम है और रहेगा। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर 130 के करीब किसान कल घायल हुए हैं। 60 किसान जो शंभू बॉर्डर पर घायल हुए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बहुत से घायल किसान अस्पताल नहीं गए। खनौरी बॉर्डर पर 30 किसान खनौरी बॉर्डर पर घायल हुए हैं।
क्या बोले कृषि मंत्री?
इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से बातचीत की अपील की है। मुंडा ने कहा, ”मैं किसान संगठन से निवेदन करता हूं कि उन्हें बातचीत करनी चाहिए। किसान संगठन को राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिये, किसान संगठन की चिंता सरकार को है। किसान संगठन को बात समझना चाहिए। जो कानून की बात की जा रही इस तरह से निर्णय नहीं लिया जा सकता है। किसान को आम जनजीवन को बाधित नहीं करना चाहिए।”
#WATCH | Delhi: Union Minister Arjun Munda says, "We are ready to hold discussions…We need to take into account all the sides and hold the talks…I request the farmers' union to maintain the environment for discussions…" pic.twitter.com/b0beAWD1a6
— ANI (@ANI) February 14, 2024
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “किसान संगठनों को ये समझना होगा कि जिस कानून की बात की जा रही है। उस कानून के बारे में इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बार में लोग आलोचना करें। हमें ये कोशिश करनी चाहिए हम इसके सभी पक्षों का ध्यान रखें। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आम जनजीवन को बाधित ना करें, आम जनजीवन किसी तरह से परेशान ना हो।”
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