• एनसीआर में भी रात आए भूकंप से अफरातफरी।

शारदा न्यूज़, नई दिल्ली। शुक्रवार रात आए भूकंप के झटकों ने जहां नेपाल में तबाही मचा दी वहीं एनसीआर में लोगो की नींद उड़ गई और लोग दहशत के कारण घरों से बाहर निकल गए। रिएक्टर स्केल पर आए 6.4 के भूकंप ने नेपाल में अभी तक 132 लोगो को मौत के आगोश में सुला दिया है जबकि अभी राहत कार्य जोरो पर चल रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री मौके पर पहुंच कर राहत कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके भारत की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। भूकंप से नेपाल में अब तक 132 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 150 से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना है। रुकुम पश्चिम में 36 और जाजरकोट में 34 लोग म गए हैं। रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टराई आर जाजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटना स्थल रवाना हुए। उन्होंने बताया कि नेपाल सेना और नेपाल पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है।

 

आथबिस्कोट नगर पालिका में 36 लोगों के मरने की सूचना है। सानीभेरी ग्रामीण नगर पालिका में पांच और लोगों की मौत हुई है। रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था । नेपाल में एक महीने में तीसरी भूकंप आया है।

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी, लेकिन जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बाद में तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी।

स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि जजरकोट में भूकंप के केंद्र के पास के क्षेत्र में संपर्क स्थापित करना संभव नहीं था। जजरकोट 190,000 की आबादी वाला नेपाल का एक पहाड़ी जिला है, जहां सुदूर पहाड़ियों में बिखरे हुए गांव बसे हुए हैं। जजरकोट के स्थानीय अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि उनके जिले में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं।

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