– महाभारतकालीन हस्तिनापुर में द्रौपदी घाट मंदिर के नजदीक स्थित बूढ़ी गंगा में विभिन्न प्रजातियों की मछलियां।
– विशेष बात यह है इन मछलियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और विभिन्न रंग व विभिन्न आकार की मछलियां भी बुद्धि गंगा के जाल में दिखाई दे रही हैं।
शारदा न्यूज़, संवाददाता |
मेरठ। महाभारत कालीन हस्तिनापुर में द्रोपदी घाट मंदिर के निकट स्थित बूढ़ी गंगा में जैव विविधता का सुंदर नजारा देखने को मिला।
नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं शोभित विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंक भारती ने बताया कि ऐसा अद्भुत नजारा बूढ़ी गंगा में सोमवार को देखने को मिला। जलिय जीवों सहित मछलियों की संख्या में इजाफा हुआ है। बूढ़ी गंगा पर जहां एक तरफ सतह पर विदेशी पक्षियों का बाशिंदा रहता है। वही अब जल के अंदर भी भरा पूरा परिवार अब देखने को मिल रहा है।
इसी वर्ष २६ जनवरी को एसडीएम मवाना अखिलेश यादव ने पूजा अर्चना के साथ बूढ़ी गंगा के जीर्णोधार का कार्य प्रारंभ किया था। जिसके बाद ६ फरवरी को हस्तिनापुर दिवस के साथ साथ महत्वपूर्ण दिवस पर बूढ़ी गंगा की आरती प्रियंक भारती एवम स्थानीय प्रशासन के सहयोग से आयोजित की जाने लगी। प्रियंक भारती द्वारा जुलाई महा में कर्ण मंदिर से बूढ़ी गंगा तक मां गंगा यात्रा भी प्रारंभ की गई जिसका शुभारंभ एसडीएम मवाना अखिलेश यादव द्वारा किया गया। मौके पर द्रौपदी मंदिर की महंत बेगवती, विशाल गिरी, अरविंद गिरी आदि मौजूद रहे।
अगले महा अंतराष्ट्रीय जर्नल में भी शोध होगा प्रकाशित
प्रियंक भारती का कहना है कि कुछ दुर्लभ प्रजाति की मछलियां भी बूढ़ी गंगा में देखने को मिली है जिसका शोध अंतराष्ट्रीय जर्नल में अगले महा प्रकाशित होगा। बूढ़ी गंगा में एक अपनी विविधता बनती जा रही है।