स्वाभिमान के साथ ही जिंदा रहती है कौम: संगीत सोम

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  • क्षत्रिय चेतना चिंतन मंच के कार्यक्रम में बोले भाजपा के पूर्व विधायक
  • कहा: एकजुट नहीं हुए तो देश में गद्दार और आतंकवादी पनपने लगेंगे
  • अपने वजूद को बचाने और देश की सेवा के लिए पूरी तरह होना होगा एकजुट
  • कार्यक्रम में वक्ताओं ने भाजपा पर भी क्षत्रिय समाज की उपेक्षा के लगाए आरोप।

शारदा न्यूज, मेरठ। क्षत्रीय चेतना चिंतन मंच के बैनर तले रविवार को मेरठ और सहारनुपर मंडल की 44 विधानसभाओं के क्षत्रिय प्रतिनिधियों का सम्मेलन हुआ। जिसमें मुख्य मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व विधायक ठा. संगीत सोम ने क्षत्रिय समाज को एकजुट होने का आह्वान किया। वहीं अन्य वक्ताओं ने राजनीतिक दलों पर लगातार क्षत्रिय समाज की उपेक्षा के आरोप लगाए।

 

 

सम्मेलन में पूर्व विधायक ठा. संगीत सोम ने कहा कि क्षत्रीय समाज हमेशा ही देश और समाज की सेवा करता आया है। हिंदुत्व की रक्षा के लिए सबसे आगे क्षत्रिय समाज ही रहा है। लेकिन जैसे जैसे हम जागृत हो रहे हैं, वैसे-वैसे ही एकजुटता के बजाए बंटते जा रहे है। इसी का फायदा आज चंद लोग उठाकर अपने आापको सिरमौर समझने लगे हैं। जबकि हमारी ताकत के बूते ही आज वह सम्मानजनक ओहदों पर बैठे हैं।

 

 

    ठा. संगीत सोम ने कहा कि मेरठ और सहारनपुर मंडल की बात करें तो संख्या बल में ठाकुर सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके राजनीतिक रूप से हम सबसे पिछड़े हैं, इसका बड़ा कारण हमारी एकजुटता का न होना है। अभी भी वक्त है, यदि हम एकजुट हुए तो हमारी ताकत का अहसास सभी को होगा।

 

 

   वहीं दूसरी ओर मंच से अन्य वक्ताओं ने भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों पर उपेक्षा के आरोप लगाए। वहीं कई वक्ताओं ने तो 2022 के विधानसभा चुनाव में ठा. संगीत सोम की हार के पीछे भाजपा के ही कुछ नेताओं का हाथ होने का खुला आरोप लगा दिया। वक्ताओं ने कहा कि इस बार इस भीतरीघात का बदला खुलकर लिया जाएगा। कार्यक्रम में ठा. संगीत सोम को लोकसभा चुनाव लड़ाने की भी पैरवी जमकर हुई।

   सम्मेलन की अध्यक्षता राजपूत उत्थान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह और संचालन कुशल कुशवाह ने किया। कार्यक्रम में प्रख्यात युवा कवि अमित शर्मा ने कश्मीर में पंडितों के विस्थापना पर काव्य पाठ किया।

केसरिया पगड़ी और ध्वज के साथ आए क्षत्रिय

कार्यक्रम स्थल पूरी तरह केसरिया रंग में रंगा था। मंच के पीछे लगे फ्लैक्स पर जहां श्रीराम के साथ ही क्षत्रिय समाज के महापुरुषों के चित्र लगे थे, तो पंडाल में बैठे हर व्यक्ति के सिर पर केसरिया पगड़ी थी। इसके साथ ही हर हाथ में जय राजपूताना लिखा केसरिया झंडा के साथ तिरंगा झंडा था।

अनुशासन की छाप छोड़ गया क्षत्रिय सम्मेलन

साकेत स्पोर्टस क्लब और उसके बाहर करीब चार हजार लोगों की भीड़ जुटी थी। पुलिस प्रशासन भी व्यवस्था के लिए तैनात था। लेकिन पुलिस प्रशासन को व्यवस्था के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी। आयोजकों के युवा कार्यकर्ताओं ने पार्किंग से लेकर स्वागत तक की पूरी व्यवस्था पूरी तरह संभाले रखी।

  कार्यक्रम में  जब पूर्व विधायक ठा. संगीत सोम पहुंच तो थोड़ी अव्यवस्था बनी, लेकिन ठा. संगीत सोम ने तत्काल ही सभी को समझाते हुए अपनी-अपनी जगह पर बैठा दिया।
मंच पर पालक बैठेंगे, मैं तो सेवक हूँ

 

 

क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम में मुख्य मंच के साथ ही एक नीचे मंच बनाया गया था, उसके सामने पंडाल में कुर्सियां लगी थी। ठा. संगीत सोम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, उनके पहुंचते ही संचालक ने मंच पर आने का निमंत्रण दिया, लेकिन वह छोटे मंच पर अन्य कार्यकर्ताओं के बीच बैठ गए। जब ज्यादा जोर दिया गया तो बोले कि समाज के बुजुर्ग जिन्होंने समाज को पाला है, उनके सामने वह मंच साझा नहीं करेंगे, बल्कि नीचे बैठकर ही सबको सुनेंगे। इसके बाद वह सिर्फ सभा को संबोधित करने के लिए ही मंच पर पहुंचे।

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