शारदा रिपोर्टर मेरठ। मंगलवार को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय वाणिज्य कार्यालय में जीएसटी कमिश्नर से मिला। इस दौरान उन्होंने जीएसटी कमिश्नर को वित्त मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में व्यापार मंडल ने आठ प्रमुख मांगे उठाईं है। अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि, जीएसटी आर फाइल करते समय बी 2 बी और बी 2 सी के लिए एचएसएन समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। इससे सिर्फ व्यापारियों का उत्पीड़न होगा। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि सेन्ट्रल जीएसटी कार्यालय द्वारा 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 तक 5 वर्षों की सूचनाएं और कागजात 15 दिन का समय देकर मांगे जा रहे है, जबकि, फिजिकल आॅडिट के लिए टीम बनाकर व्यापारी के कार्यस्थल पर भेजी जा रही है, जबकि, अधिकांश के निर्धारण पूर्व में हो चुके हैं। बार-बार नोटिस व आॅडिट किये जाने से व्यापारी उत्पीडन व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने की दशा में जीएसटी आर-10 अपलोड़ किये जाने के बाद भी व्यापारी को कार्यालय में बुलाने के लिए जीएसटी आर-10 फाइल करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जो गलत है। व्यापार मंडल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कि, जीएसटी अधिनियम में 40 लाख रुपए तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्टेशन से छूट प्राप्त है, परन्तु विभागीय अधिकारी टारगेट पूरा करने के लिए कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का भी उत्पीड़न कर रजिस्टेशन प्राप्त करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। 40 लाख से कम कारोबार करने वाले व्यापारियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य करने पर रोक लगायी जाये।
इस दौरान अतुल्य गुप्ता, पवन कुमार गर्ग, इसरार सिद्दीकी, गौरव गोयल, शोभित भारद्वाज, सरफराज, दिलशाद मवाना, पंकज गोयल, फरागत राना, आफताब अहमद, निशांक अग्रवाल, नितिन रस्तोगी ईंचोली, सुनील गुप्ता, अतुल कुमार वर्मा, राहुल राजा खान, साजिद, फैज मोहम्मद, ब्रह्मपाल, आकाश, मनीष आदि उपस्थित रहे।