– टीनशेड से महिला की गर्दन कटी, गोरखपुर में सबसे ज्यादा बरसा पानी, सड़कें तालाब बनीं।
लखनऊ। यूपी में तूफानी बारिश ने बुधवार रात में जमकर कहर बरपाया। अलग-अलग हादसों में डॉक्टर, टीचर और सिपाही समेत 22 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे में लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा समेत प्रदेश के 20 जिलों में बारिश हुई। मेरठ और बागपत में जमकर ओले गिरे।
गोरखपुर में सबसे ज्यादा 74 मिमी बारिश हुई। सड़कें तालाब बन गईं। जिला अस्पताल और कॉलोनियों में पानी घुस गया। नोएडा में 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। पेड़, होर्डिंग और बिजली के खंभे उखड़ गए। ऐसा ही हाल मेरठ और एटा में भी देखने को मिला। एटा में आंधी से मकानों की टीन शेड उड़ गई। यात्रियों से भरी बोलेरो पर पोल गिर गया। हालांकि, उस वक्त बिजली कटी हुई थी, इसलिए लोग बाल-बाल बच गए।
यह खबर भी पढ़िए- मेरठ: बुधवार रात में आई तेज आंधी बारिश से हादसा, दो महिला और दो बच्ची घायल
फिरोजाबाद में आंधी से उड़कर आई टीनशेड से महिला की गर्दन कट गई। वही, नोएडा में रेलिंग गिरने से बुजुर्ग महिला का सिर धड़ से अलग हो गया। गाजियाबाद में तेज आंधी से हिंडन का छोटा पुल झुक गया। दिल्ली-मेरठ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन पर पेड़ गिर गया। इससे रूट 2 घंटे बाधित रहा।
बदायूं में ट्रांसफॉर्मर की चिंगारी से घूर (कूड़े के ढेर) में आग लग गई। उस वक्त तेज आंधी चल रही थी। इसके चलते आग ने चार गांवों को चपेट में ले लिया। मौसम विभाग ने आज 39 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की संभावना है।
लखनऊ के मौसम विज्ञानी अतुल कुमार ने बताया- बंगाल की खाड़ी की नमी से मौसम बदला है। यूपी में एक नया विक्षोभ और वेदर सिस्टम एक्टिव हो रहा है। बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त मात्रा में नमी लिए हुए पूर्वा हवा आ रही है। इससे लू का असर कुछ जिलों में कम पड़ सकता है।हालांकि, अगले 3-4 दिन बाद दोबारा तापमान में बढ़ोतरी होगी। इस महीने के आखिरी तक पारा 47 डिग्री पार जाने का अनुमान है।
मानसून के 4-5 दिनों में केरल पहुंचने की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले चार-पांच दिनों में केरल पहुंच सकता है। हालांकि पूवार्नुमान 27 मई का है। ऐसा होता है तो यह 2009 के बाद समय से पहले पहुंचने वाला पहला मानसून होगा। 2009 में मानसून 23 मई को ही केरल में पहुंच गया था। विभाग के मुताबिक आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। वहीं, 17 सितंबर के आस-पास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से हट जाता है। मानसून पिछले साल 30 मई को केरल में पहुंचा था।