शारदा न्यूज़। तीन अक्तूबर को दिन में करीब पौने तीन बजे आए भूकंप के बारे में प्रशासन को जानकारी नहीं है। राहत आयुक्त की तरफ से जारी की गई जानकारी में यह हास्यास्पद तथ्य सामने आया है।
तीन अक्तूबर को आए भूकंप से एनसीआर सहित आसपास के जनपद दहल गए थे। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 5.5 के आसपास बताई गई थी। इस भूकंप को लेकर कहीं कोई अप्रिय घटना तो नहीं हुई, इसे लेकर राहत आयुक्त ने प्रदेश के सभी जनपदों से जानकारी मांगी थी।
इस जानकारी के अनुसार, मेरठ के पड़ोसी जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत, हापुड सहित मुजफ्फरनगर जनपद ने भूकंप आने की सूचना दी। हालांकि इनके यहां कोई अप्रिय घटना भूकंप को लेकर नहीं हुई। लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से मेरठ प्रशासन ने भूकंप आने की बात को नकार दिया।
ऐसे में सभी सोच रहे हैं कि गाजियाबाद से लेकर बागपत और हापुड और मुजफफरनगर में भूकंप आया तो मेरठ इससे कैसे अछूता रह गया। ऐसे में मेरठ प्रशासन की जानकारी को देखें तो शायद मेरठ से भूकंप धरती नहीं बल्कि हवाई मार्ग से होकर गुजर गया।
लोग निकल आए थे घरों से बाहर
तीन अक्तूबर को जैसे ही भूकंप आया तो उसके झटके इतने तीव्र थे कि लोग अपने घरों, कार्यालयों और प्रतिष्ठानों से बाहर निकल आए थे। सभी की जुबान पर देर शाम तक भूकंप को लेकर चर्चा रही। लेकिन मेरठ प्रशासन की नींद इस भूकंप से भी नहीं टूटी।
“मेरठ प्रशासन की नींद इतनी गहरी थी कि भूकंप की झटकों ने उन्हें भी अपने सपनों में ही ले लिया होगा! बिना खुदाई किए, उन्होंने जमीन के नीचे क्या हो रहा है, यह कैसे पता कर सकते हैं?” 😄
“मेरठ प्रशासन की नींद इतनी गहरी थी कि भूकंप की झटकों ने उन्हें भी अपने सपनों में ही ले लिया होगा! बिना खुदाई किए, उन्होंने जमीन के नीचे क्या हो रहा है, यह कैसे पता कर सकते हैं?” 😄