- साइबर फ्रॉड का हों शिकार तो बिना समय गंवाए 1930 पर करें कॉल
- एडीजी साइबर क्राइम बीके सिंह ने बताया- जागरूकता ही एकमात्र उपाय
लखनऊ। साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा है। साइबर क्राइम के अपर पुलिस महानिदेशक बीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में 20 डेस्क कार्यरत हैं जिन्हें बढ़ाकर 50 किया जाएगा। लखनऊ के मोहनलालगंज में एक नया कॉल सेंटर भी खोला जा रहा है जो भारत का सबसे बड़ा कॉल सेंटर होगा।

साइबर फ्रॉड का शिकार अगर आप हो जाते हैं, तो बिल्कुल घबराएं नहीं। जितनी जल्दी हो सके 1930 पर शिकायत दर्ज करें। यदि ठगी की जानकारी वहां देंगे तो आपकी कॉल 1930 पर ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके बाद किस नंबर से साइबर अपराधी की कॉल आई और अपना बैंक खाता नंबर बताकर आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जितनी तेजी के साथ इस प्रक्रिया को अपनाएंगे, उतने ही कम समय में आपका पैसा साइबर अपराधी के पास तक जाने से बच जाएगा।
जरा सी लापरवाही हुई और यदि बैंक से रकम निकल गई तो फिर उसे पाना आसान नहीं होगा। यह जानकारी साइबर क्राइम के अपर पुलिस महानिदेशक बीके सिंह ने सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में दी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों से निपटने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। 1930 पर शिकायत दर्ज करने के लिए अभी 20 डेस्क हैं, आने वाले दिनों में इसकी संख्या बढ़ाकर 50 कर दी जाएगी। पूर्व में चल रही 20 डेस्क पर तो कार्य चल ही रहा हैं, लेकिन अब जो अन्य 30 डेस्क बनाई जा रही हैं इनपर प्रशिक्षित पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे।
राष्ट्रपति के वीरता पदक सराहनीय कार्य सेवा पदक और उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी बीके सिंह ने लोगों से अपील की, कि किसी लालच व भय में न पड़ें। साइबर अपराधियों से बचने के लिए आपको स्वयं ही जागरूक रहना होगा। जालसाज आपको लालच और डर से ही ठगते हैं। अगर आपने कुछ किया ही नहीं है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। कोई भी पुलिसकर्मी आनलाइन गिरफ्तार नहीं कर सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके साथ साइबर अपराध हुआ है, तो तुरंत शिकायत करें। इसके लिए लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में पश्चिम कल्ली में कॉल सेंटर खोला जा रहा है। इसका उद्घाटन इस महीने के आखिर तक कर दिया जाएगा। यह कॉल सेंटर भारत का सबसे बड़ा कॉल सेंटर होगा। सिर्फ यही नहीं, भारत सरकार ठगी को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में 1.19 लाख शिकायतें उत्तर प्रदेश में दर्ज हुई हैं, सभी में कार्रवाई का प्रयास काफी हद तक किया गया है। उन्होंने बताया कि बड़े मामलों पर काम किया जा रहा है, जैसे दिल्ली पुलिस में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। इसमें 10 लाख से ऊपर की ठगी के मामलों में आटोमैटिक ई-एफआइआर दर्ज हो जाएगी, फिर साइबर पुलिस उस पर काम शुरू कर देगी। यह प्रोजेक्ट सफल होने पर यूपी में भी जल्द ही ई-एफआईआर की शुरुआत हो सकती है।
उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी) का उद्घाटन सितंबर में नई दिल्ली हुआ, जिसमें सभी बैंकों और टेलीकाम कंपनियों के प्रतिनिधि बैठते हैं। इसका उद्देश्य साइबर अपराध को रोकना और पीड़ितों को राहत दिलाना है। जल्दी ही यूपी में भी सीएफएमसी की स्थापना की तैयारी है। इससे पीड़ितों को राहत मिलेगी और साइबर अपराध पर अंकुश लगेगा।