शारदा रिपोर्टर मेरठ। जनपद मेरठ को कचरा मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए कई पहल की गई हैं, जैसे कि कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाना, कूड़े की गाड़ियां खरीदना, और घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था करना। जबकि, शहर के कई स्थानों पर कूड़ा डालने के लिए कचरा पात्र भी बनाए गए। लेकिन यह मेरठ शहर के लोग है, जिन्हें सफाई किसी भी कीमत में पसंद नहीं। विभिन्न स्थानों पर लगे कचरा पात्र में कूड़ा डालने के बजाय लोगों ने कूड़ा इन बड़े डस्टबिन के बाहर डालना शुरू कर दिया। जिसके चलते यहां गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है।
मेरठ नगर निगम ने शहर में जगह-जगह पर कचरा पात्र (डस्टबिन) लगवाए गए हैं। इसके अलावा, नगर निगम ने सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक एक्शन प्लान भी तैयार किया है। इसमें डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित करना शामिल है। वहीं, अगर इन कचरा पात्रों की बात करें तो मेरठ नगर निगम ने शहर में सार्वजनिक स्थानों पर कचरा पात्र स्थापित किए हैं, ताकि लोग कूड़ा-कचरा इधर-उधर न फेंकें और स्वच्छता भी बनी रहे। शहरवासियों को साफ सफाई बिल्कुल भी पसंद नहीं। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, तस्वीर में आप साफ देख सकते हैं कि, कचरा पात्र होने के बावजूद लोग इनमें कचरा नहीं डालकर इसके आस-पास ही कूड़ा फेंक रहे हैं।
जिससे गंदगी का अंबार लगता जा रहा है। बता दें कि, नगर निगम डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी करता है, ताकि घरों से निकलने वाले कचरे को सही तरीके से इकट्ठा किया जा सके।
ऐसा ही एक नजारा नौचंदी क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष आवास के पास देखा जा सकता है। यहां पर नगर निगम द्वारा एक चबूतरा बनाकर उस पर गीला और सूखा कचरा डालने के लिए बड़ी डस्टबिन रखी गई हैं। उसके पास ही दो बैंच बनाए गए हैं और उसके पास एक संदूक रखा गया है। इसे बनाने का मकसद यहां बैठने वाले लोगों को नि:शुल्क समाचार पत्र उपलब्ध कराना था, ताकि यहां बैठकर लोग समाचार पत्र पढ़ सकें और इस कारण लोग कूड़ा डस्टबिन में ही डालें। लेकिन न तो समाचारपत्र ही यहां रखा जा रहा है और संदूक का भी ताला लगा हुआ है। जिस कारण लोग भी डस्टबिन के बजाए कूड़ा उसके आसपास ही फेंक कर निकल जाते हैं।