– विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने लिया निर्णय – प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मी नहीं मनाएंगे दीवाली – सीएम योगी के निर्देश पर बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाने का लिया है संकल्प
प्रेमशंकर, मेरठ। दीपावली के पावन पर्व पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरे प्रदेश की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जी जान झोंक दी है। विद्युत कर्मी सीएम योगी के आदेश जिसमें रोशनी के त्योहार पर जनता को तीन दिनों तक लगातार बिजली आपूर्ति करने की बात कही गई है उसका पालन करने को तैयार हैं। बिजली-कर्मी निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में पूरी निष्ठा से दिन रात जुटे हुए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी एकमुश्त समाधान योजना को भी सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इस दौरान बिजली कर्मियों का पूरा प्रयास रहेगा कि प्रकाश पर्व पर बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न आए। लेकिन विद्युतकर्मियों ने खुद दीपावली नहीं मनाने का फैसला किया है।
संघर्ष समिति ने कहा यह बेहद खेद का विषय है कि ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा 19 मार्च 2023 को विद्युत कर्मियों के खिलाफ हुई उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस लेने की घोषणा के बावजूद आठ माह बाद भी कार्यवाहियां वापस नहीं ली गई हैं। जिससे एक लाख से अधिक बिजली कर्मी और उनके परिजन अत्यधिक व्यथित हैं और पीड़ा में हैं।संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारी, निविदा/संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता एवं उनके परिवारजन इस वर्ष दिपावली पर सांकेतिक पूजन करेंगे लेकिन कोई प्रकाश उत्सव नही मनाएंगे।
– मार्च में हुई थी सांकेतिक हड़ताल
गौरतलब है कि मार्च 2023 में बिजलीकर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल की थी। जिसके बाद बिजली कर्मियों पर निलम्बन, निष्कासन, आरोप पत्र, एफआईआर और विजिलेंस जांच जैसी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों की गयी थी।
– ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर वापस ली थी हड़ताल
हड़ताल के दौरान ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा और संघर्ष समिति के बीच कई दौर की वार्ता के बाद ऊर्जा मंत्री द्वारा सभी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लेने की घोषणा की गई थी। इसके बाद संघर्ष समिति ने एक दिन पहले ही सांकेतिक हड़ताल वापस ली गई थी।
– विद्युत कर्मियों के कार्य को सराहा गया
पिछले दिनों बिजली कर्मचरियों ने विद्युत व्यवस्था में सुधार को लेकर अभियान चलाया जिसके सकारात्मक परिणाम आये। इसको लेकर हाल ही में ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली कर्मियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि उप्र में 09% लाइन हानिया घटी है और करीब 20 % राजस्व वसूली में वृद्धि हुई। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी इसको लेकर ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में उप्र की प्रशंसा की गई थी। इसके बावजूद लगभग 8 माह बीतने के बाद भी बिजली कर्मियों का अति महत्वपूर्ण पर्व दिपावली पर भी उत्पीड़न समाप्त नहीं किया गया है।
इसके विरोध में व्यथित होकर बिजली कर्मियों ने बड़े ही भारी मन से प्रकाशोत्सव नहीं मनाने का निर्णय लिया है।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद,पीके दीक्षित, आरबी सिंह, राजेंद्र घिल्डियाल, शशिकांत श्रीवास्तव, चंद्र भूषण उपाध्याय, डीके मिश्रा , मो. वसीम, श्रीचंद, सीएल दीक्षित, केएस रावत, सरयू त्रिवेदी, मो. इलियास, राम सहारे वर्मा, शरदेंदु सागर व मो. नाजिम ने लखनऊ में यह बातें कहीं।