Wednesday, June 18, 2025
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दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है

– इस नारे के साथ यूपी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा करा रहा सम्मेन आयोजित।
– बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ने की चल रही कवायद।


अनुज मित्तल (समाचार संपादक) |

मेरठ। भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सवर्णों, पिछड़ों और दलितों के साथ ही मुस्लिमों पर भी डोरे डालने में लगी हुई है। इस समय उत्तर प्रदेश में लगातार जिला स्तर पर मुस्लिम सम्मेलन चल रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा भागीदारी महिलाओं की कराई जा रही है। ये सम्मेलन ‘दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है’ के नारे को आधार बनाकर आयोजित हो रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में यूपी की भूमिका सबसे अहम होने वाली है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जीत की राह तय करना भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल नजर आ रहा है। क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सवर्णों को छोड़ दें तो भाजपा को पिछड़ा और दलित वर्ग को साधना बड़ी चुनौती होगा। हालांकि पिछड़ा वर्ग में अति पिछड़ा वर्ग भाजपा का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में यह कहीं न कहीं भाजपा से छिटका नजर आया। जिसके कारण चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है।

ऐसे में भाजपा अपने घटे हुए वोट बैंक की भरपाई के लिए मुस्लिमों पर भी डोरे डालने में लगी है। इसमें महिलाओं को ज्यादा प्रभावित किया जा रहा है। इसके लिए जो मुस्लिम सम्मेलन हो रहे हैं, उनमें महिलाओं की भागीदारी ज्यादा दिखाई दे रही है।

भाजपा अल्पसंख्य मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि भाजपा ने मुस्लिमों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है। सबसे बड़ी बात ये है कि मुस्लिम समाज की महिलाओं को यदि सबसे ज्यादा सुरक्षा किसी सरकार में मिली है, तो वह भाजपा है। सरकार की प्रत्येक योजना का लाभ मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा मिला है। आवास, गैस कनेक्शन, पेंशन, राशन के साथ ही स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मुस्लिम समाज ने सबसे ज्यादा लिया है। तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाएं खुद को अब सुरक्षित महसूस कर रही हैं। जिसके कारण मुस्लिम महिलाओं का रूझान भाजपा की तरफ बढ़ा है।

बासित अली के अनुसार भाजपा की यूपी में लगभग सभी 80 सीटों पर जीत सुनिश्चित है। लेकिन मुस्लिम वोट उसके जीत के अंतर को बढाने का काम करेगी, इसी उद्देश्य से सम्मेलन हो रहे हैं। उनके अनुसार सिर्फ सम्मेलन ही नहीं बल्कि मोर्चा की टीम घर-घर जाकर सरकार की नीति को बता रही है। क्योंकि विपक्षी दल कांग्रेस, सपा और बसपा ने सिर्फ मुसलमानों का उपयोग किया है, उनके हित के लिए कुछ नहीं किया।

विपक्षी दलों में चल रहा मंथन

भाजपा के मुस्लिम सम्मेलनों पर विपक्षी दलों की भी नजर है। क्योंकि सम्मेलन में खासी भीड़ जुट रही है। हालांकि यह भीड़ वोट में तब्दील होगी या नहीं इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन फिलहाल इसे देख विपक्षी दलों को सोचने और मंथन करने पर मजबूर जरूर कर रखा है।

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