जडेजा और अश्विन की फिरकी असरहीन रही दूसरी पारी में
बल्लेबाजों के गैर जिम्मेदाराना अंदाज से हुई हार
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जहां बैजबाल का बखूबी प्रदर्शन किया वहीं भारतीय बल्लेबाज जिनको स्पिन का माहिर खिलाड़ी माना जाता है वो सभी इंग्लैंड के नवोदित स्पिनर हार्टली के आगे नतमस्तक हो गए। इस स्पिनर ने जहां दूसरी पारी में सात विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी वही इंग्लैंड के उप कप्तान ओली पोप ने 195 रनों की बेहतरीन पारी खेल कर टीम इंडिया की हार की पटकथा लिख दी थी। भारतीय टीम की 28 रनों की हार ने साबित कर दिया कि भारतीय स्पिनरों के सामने इंग्लिश स्पिनर बीस साबित हुए।
श्रृंखला से पहले सारी चर्चा इस बात पर थी कि बेजबाल स्पिनरों के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने निश्चित तौर पर पहला राउंड जीत लिया है। स्पिन विभाग में दोनों टीमों के बीच अनुभव के मामले में काफी अंतर था। जैक लीच के टेस्ट के अधिकांश हिस्सों में खराब प्रदर्शन के कारण दर्शकों के लिए हालात और खराब हो गए। लेकिन इंग्लैंड को शीर्ष पर आने का रास्ता मिल गया। निचले क्रम में स्टोक्स के महत्वपूर्ण रन, रूट के चार-फेर, पोप का अविश्वसनीय शतक… इंग्लैंड, हालांकि, हार्टले के प्रदर्शन से सबसे अधिक प्रसन्न होगा। पहले दिन के शुरूआती स्पैल में ही उन्हें जयसवाल ने क्लीन बोल्ड कर दिया था, लेकिन इस नवोदित खिलाड़ी ने आज शानदार गेंदबाजी करते हुए एक पारी में सात विकेट लिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस हार के बाद कैसी प्रतिक्रिया देता है। जबकि उनके ज्यादातर बल्लेबाज बड़े शॉट खेलकर आउट हुए।
टॉम हार्टले द्वारा लिए गए 7/62, विश्व युद्ध के बाद के युग (1945 के बाद से) में टेस्ट डेब्यू पर इंग्लैंड के स्पिनर के लिए सर्वश्रेष्ठ आंकड़े हैं और एक मैच में उनके द्वारा नौ विकेट रॉबर्ट बेरी के 9/116 बनाम वेस्ट इंडीज के बाद संयुक्त रूप से सबसे अधिक हैं।
इंग्लैंड को पहली पारी में सस्ते में समेट कर टीम इंडिया को लगा था कि मैच वो जीत लेंगे लेकिन दूसरी पारी में ओली पोप को दो जीवन दान देकर टीम इंडिया ने अपनी राह कठिन कर ली। एक निगेटिव बात ये रही कि शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर दोनो पारियों में असफल रहे। सार्थक पक्ष ये रहा कि टीम इंडिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने उपयोगी रन बनाए। पहली पारी में आर अश्विन और दूसरी पारी में रविन्द्र जडेजा का रन आउट होना भी भारी साबित हुआ। भारतीय बल्लेबाज दूसरी पारी में जीतने के इरादे से पिच पर टिकने के मूड में नही दिखे नही तो जिस तरह टीम 203 तक पहुंच गई थी उस हिसाब से टॉप ऑर्डर को संभाल कर अपना विकेट बचाना था जैसे इंग्लिश बल्लेबाजों ने दिखाया था। सबसे हैरत की बात ये रही कि जसप्रीत बुमराह जहां छह विकेट लेने में सफल रहे वही इंग्लिश फास्ट बोलर मार्क वुड को एक भी सफलता नहीं मिली।